नयी दिल्ली, 30 अप्रैल (भाषा) निर्वाचन आयोग ने बुधवार को बिहार के चुनाव पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) और बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) तथा हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के ईआरओ और बीएलओ पर्यवेक्षकों के लिए क्षमता निर्माण प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम बिहार और कुछ अन्य राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए आयोग की तैयारियों का हिस्सा है।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में जमीनी स्तर के 369 चुनाव अधिकारी भाग ले रहे हैं।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि बीएलओ और ईआरओ के साथ-साथ राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त बूथ-स्तरीय एजेंट (बीएलए) सही और अद्यतन मतदाता सूची सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार हैं और उन्हें कानूनों तथा नियमों के अनुसार मुश्तैदी से काम करना है।
इस महीने की शुरुआत में बिहार के 10 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के लगभग 280 बीएलए को भी प्रशिक्षित किया गया था।
प्रशिक्षण को विशेष रूप से मतदाता पंजीकरण, फॉर्म प्रबंधन और चुनावी प्रक्रियाओं के क्षेत्र-स्तरीय कार्यान्वयन के क्षेत्रों में प्रतिभागियों की व्यावहारिक समझ को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है। अधिकारियों को ईवीएम और वीवीपैट का तकनीकी प्रदर्शन और प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाएगा।
प्रतिभागियों को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 24 (ए) के तहत जिला कलेक्टर और धारा 24 (बी) के तहत राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के साथ प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची के खिलाफ क्रमशः पहली और दूसरी अपील के प्रावधानों से भी परिचित कराया गया।
इस वर्ष की शुरुआत में विशेष सारांश पुनरीक्षण (एसएसआर) अभ्यास के पूरा होने के बाद बिहार, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से कोई अपील दायर नहीं की गई।
प्रशिक्षण में संवाद सत्र, घर-घर सर्वेक्षण, मामलों के अध्ययन और फॉर्म 6, 6ए, 7 और 8 भरने के लिए व्यावहारिक अभ्यास शामिल हैं।
इसके अतिरिक्त, प्रतिभागियों को मतदाता हेल्पलाइन ऐप और बीएलओ ऐप पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त होगा।
भाषा हक
हक नेत्रपाल संतोष
संतोष
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