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Sunday, 5 May, 2024
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सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं की रिपोर्टिंग में संयम बरतें, ध्रुवीकरण का मोहरा न बनें: एडिटर्स गिल्ड

गिल्ड, 'देश के विभिन्न हिस्सों में भड़की सांप्रदायिक अशांति की रिपोर्ट करने में संपादकों और पत्रकारों से अत्यधिक संयम बरतने और उच्चतम पेशेवर मानकों का पालन करने का आग्रह करता है.'

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नई दिल्ली: एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया (ईजीआई) ने मंगलवार को मीडिया से अपील की कि देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक घटनाओं की रिपेार्टिंग करते समय अत्यधिक संयम बरतने तथा ध्रुवीकरण के बड़े खेल में मोहरा न बनें.

गिल्ड, ‘देश के विभिन्न हिस्सों में भड़की सांप्रदायिक अशांति की रिपोर्ट करने में संपादकों और पत्रकारों से अत्यधिक संयम बरतने और उच्चतम पेशेवर मानकों का पालन करने का आग्रह करता है.’

गिल्ड ने यहां जारी एक बयान में कहा कि वह इस बात पर गौर करके निराश है कि समुदायों के बीच संघर्ष की खबरों के मूल्यांकन एवं प्रस्तुति में उचित सावधानी का अभाव पाया गया है.

उसने कहा, ‘खासकर यह इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल एवं सोशल मीडिया में साफ तौर पर नजर आया है.’

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यह बयान मध्य प्रदेश, कर्नाटक, दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं की पृष्ठभूमि में आया है.

एडिटर्स गिल्ड ने तथ्यों, संदर्भ को पूरी तरह समझे बिना ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचने और एक या दूसरे समुदाय को जिम्मेदार ठहराने के खिलाफ आगाह किया, क्योंकि इसके दीर्घकालिक प्रभाव हो सकते हैं.

उसने कहा, ‘नेताओं, पुलिस, अधिकारियों एवं राज्येतर तत्वों के संरक्षण का अच्छा खासा दस्तावेजी ब्यौरा है. इसलिए संपादकों के लिए इस आवेशित माहौल में समाचार कक्ष में अपना अनुभव एवं परिप्रेक्ष्य लाना जरूरी है.’

बयान में कहा गया है, ‘ईजीआई का मानना है कि निष्पक्षता, तटस्थता और संतुलन बनाए रखने के वास्ते हर पत्रकार के लिए अतिरिक्त प्रयास करना जरूरी है और ध्रुवीकरण के बड़े खेल में खुद को मोहरा नहीं बनने देना है.’


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