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Monday, 7 July, 2025
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शिक्षा विभाग ने शिकायतों के समाधान के लिए जारी की श्रेणीवार सूची, टोल-फ्री नंबर भी जारी

विभाग ने शिकायतों का वर्गीकरण करते हुए एक विस्तृत सूची जारी की है, जिससे अब शिकायतकर्ता अपनी समस्या की श्रेणी तय कर उचित समाधान के लिए संपर्क कर सकेंगे.

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पटना: राज्य के शिक्षा विभाग ने शिक्षकों, छात्रों और अन्य संबंधित पक्षों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए बड़ी पहल की है.

विभाग ने शिकायतों का वर्गीकरण करते हुए एक विस्तृत सूची जारी की है, जिससे अब शिकायतकर्ता अपनी समस्या की श्रेणी तय कर उचित समाधान के लिए संपर्क कर सकेंगे. इसके साथ ही शिक्षा विभाग ने दो टोल-फ्री नंबर—14417 और 18003454417—जारी किए हैं, जिन पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है.

जारी सूची के अनुसार, शिकायतों को छह श्रेणियों में बांटा गया है. पहली श्रेणी में विद्यालय संबंधित शिकायतें हैं, जिसमें स्कूल भवन की मरम्मत, शौचालय, फर्नीचर, बिजली, पानी, पंखा, ट्यूबलाइट, मिड-डे मील, शिक्षकों के आचरण और स्कूल संचालन से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं.

दूसरी श्रेणी में शिक्षकों से जुड़ी शिकायतें शामिल हैं, जैसे स्थानांतरण, वेतन भुगतान, वेतन वृद्धि, बकाया भुगतान, अवकाश स्वीकृति, सेवा पुस्तिका अद्यतन और सेवानिवृत्ति लाभ आदि.

तीसरी श्रेणी में छात्रों से जुड़ी समस्याएं हैं, जिनमें कन्या उत्थान योजना, साइकिल योजना, छात्रवृत्ति, पोशाक, पाठ्य पुस्तक, प्रमाणपत्र, अंकपत्र और छात्राओं के साथ अमर्यादित व्यवहार जैसी शिकायतें शामिल हैं.

चौथी श्रेणी में वेंडर और आपूर्तिकर्ताओं से जुड़ी शिकायतें रखी गई हैं, जैसे निविदा, भुगतान और ऑनबोर्डिंग से संबंधित मुद्दे.

पांचवीं श्रेणी में विश्वविद्यालय और महाविद्यालय से जुड़ी शिकायतें रखी गई हैं, जैसे नामांकन, परीक्षा, सत्र विलंब, शुल्क और महिला छात्रों या महिला शिक्षकों के साथ अमर्यादित व्यवहार.

वहीं छठी श्रेणी में अवैध वसूली से जुड़ी शिकायतें रखी गई हैं, जिसमें किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार, घूसखोरी या गैरकानूनी वसूली की शिकायतें दर्ज कराई जा सकेंगी.

शिक्षा विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि शिक्षक अपनी शिकायतें अनिवार्य रूप से ई-शिक्षाकोष के ग्रीवांस मॉड्यूल के माध्यम से अपने लॉगिन आईडी से अपलोड करें. इसके अलावा, विभाग के किसी भी अधिकारी के व्हाट्सएप या ईमेल पर शिकायत भेजने की अनुमति नहीं है.

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