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Friday, 22 November, 2024
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राफेल दस्तावेज चोरी: सरकार ने मीडिया को दी धमकी, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने की निंदा

हालांकि बाद में अटॉर्नी जनरल ने स्पष्ट किया कि इन दस्तावेजों का इस्तेमाल करने वाले पत्रकारों या वकीलों के खिलाफ जांच शुरू नहीं की जाएगी.

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नई दिल्ली:  एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने राफेल विमान मामले पर 6 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के बाद बयान जारी किया है. इस बयान में सरकारी दस्तावेजों का इस्तेमाल करने पर पत्रकारों और वकीलों के खिलाफ सरकार द्वारा आपराधिक कार्रवाई की धमकी की निंदा की गई है.

गिल्ड के अनुसार, ‘हालांकि बाद में अटॉर्नी जनरल ने स्पष्ट किया कि इन दस्तावेजों का इस्तेमाल करने वाले पत्रकारों या वकीलों के खिलाफ जांच शुरू नहीं की जाएगी. लेकिन गिल्ड इस तरह की धमकियों को लेकर चिंतित है.’

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि राफेल से जुड़े अति महत्वपूर्ण दस्तावेज़ रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए हैं. अटॉर्नी जनरल के.के. वेणुगोपाल ने अदालत में अंग्रेज़ी अख़बार ‘द हिंदू’ में छपे एक लेख का जिक्र किया और कहा कि इस चोरी की जांच की जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि राफेल पर जिन्होंने भी दस्तावेज सार्वजनिक किए हैं वो सरकारी गोपनीयता कानून और अदालत की अवमानना के दोषी हैं.

‘द हिंदू’ में राफेल से जुड़े दस्तावेज प्रकाशित करने वाले वरिष्ठ पत्रकार और अख़बार के चेयरमैन एन. राम का कहना है कि सरकार राफेल सौदे से जुड़ी जानकारियां दबाने की कोशिश कर रही थी. इस वजह से ही राफेल से जुड़े दस्तावेज प्रकाशित किए गए. उन्होंने आगे कहा कि सरकार इन्हें चोरी हुए दस्तावेज कह सकती है लेकिन उन्हें इस बात की कोई चिंता नहीं. उन्हें ये दस्तावेज गुप्त सूत्रों के जरिए मिले थे और वो अपने सूत्रों की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा है कि आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का इस्तेमाल करना मीडिया की स्वतंत्रता के खिलाफ होगा. सरकार का ऐसा कदम मीडिया को डराएगा और राफेल सौदे पर स्वतंत्र रिपोर्टिंग करने से भी रोकेगा. गिल्ड ने कहा कि पत्रकारों से उनके स्रोतों का खुलासा करने के लिए कहना निंदनीय है.

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, इंडियन वीमेन प्रेस कॉर्प्स और प्रेस एसोसिएशन ने भी एक ज्वाइंट स्टेटमेंट में चिंता ज़ाहिर करते हुए कहा है कि अब लोकतंत्र के चौथे स्तंभ के खिलाफ ग़लत तरीके से इस्तेमाल किए जाने वाले आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम और मानहानि जैसे कानूनों के पुनर्विचार किए जाने का समय है.

वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे से जुड़े दस्तावेज चोरी होने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि यह स्पष्ट रूप से भ्रष्टाचार का मामला है और इसके लिए प्रधानमंत्री के खिलाफ जांच और कार्रवाई होनी चाहिए.

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