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Wednesday, 24 April, 2024
होमदेशअपराधपत्रकार की मौत पर प्रियंका, अखिलेश ने BJP पर साधा निशाना, एडिटर्स गिल्ड ने UP पुलिस की निंदा की

पत्रकार की मौत पर प्रियंका, अखिलेश ने BJP पर साधा निशाना, एडिटर्स गिल्ड ने UP पुलिस की निंदा की

टीवी पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव (42) ने शराब माफिया के विरुद्ध खबर चलाने के बाद गत 12 जून को प्रयागराज जोन के अपर पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर जान-माल की सुरक्षा की मांग की थी.

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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का मुद्दा गरमाता जा रहा है. सोमवार को जहां एडिटर्स गिल्ड ने इसकी प्रेस रिलीज जारी कर यूपी पुलिस के रवैये की निंदा की है वहीं कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने भी इसे मुद्दा बनाया है. प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर राज्य में जंगल राज को पालने-पोषने का आरोप लगाया है.

गौरतलब है कि टीवी पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव (42) ने शराब माफिया के विरुद्ध खबर चलाने के बाद गत 12 जून को प्रयागराज जोन के अपर पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर जान-माल की सुरक्षा की मांग की थी.

प्रियंका ने बताया जंगल राज तो अखिलेश ने सुरक्षा न देने का मुद्दा उठाया

प्रियंका गांधी ने यूपी के प्रतापगढ़ में पत्रकार की मौत को लेकर योगी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ‘जंगल राज को पाल-पोष रही है.’

इस बीच, समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है. यादव ने एक ट्वीट कर कहा, ‘प्रतापगढ़ में कथित हादसे में एक टीवी पत्रकार की संदिग्ध मौत बेहद दुखद है. भावभीनी श्रद्धांजलि. भाजपा सरकार इस मामले में उच्चस्तरीय जांच बैठाकर परिजनों और जनता को ये बताए कि पत्रकार द्वारा शराब माफिया के हाथों हत्या की आशंका जताए जाने के बाद भी उन्हें सुरक्षा क्यों नहीं दी गयी.’

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मामले में एडिटर्स गिल्ड ने प्रेस बयान जारी कर यूपी पुलिस के रवैये पर अफसोस जताया है. गिल्ड के बयान के मुताबिक प्रतापगढ़ में टीवी पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव की संदिग्ध परिस्थिति में मौत को लेकर यूपी पुलिस के रवैये से वह स्तब्ध है. श्रीवास्तव जिनको शराब माफिया के गलत कामों को उजागर करने के बाद धमकी मिली थी, इसको लेकर उन्होंने पुलिस को पत्र लिखा था. उन्होंने आशंका जताई थी कि कुछ लोग उनका पीछा कर रहे हैं. अधिकारियों ने उनकी आशंका पर ध्यान नहीं दिया. पुलिस को पत्र लिखने के बाद श्रीवास्तव की दो दिन बाद मौत हो गई थी.

गिल्ड ने कहा है कि पुलिस उनकी मौत को दुर्घटना बता रही है और दावा कर रही है कि उसकी बाइक एक हैंडपंप से टकरा गई. उनकी मौत ऐसे समय में हुई है जब मीडिया को राज्य और केंद्र सरकार के बढ़ते दबाव का सामना करना पड़ रहा है. इससे भी ज्यादा चिंता की बात यह है कि पुलिस और लोकल अधिकारी आसानी से और अन्यापूर्ण तरीके से राजद्रोह और यूएपीए जैसे कानूनों का इस्तेमाल आरोप दायर करने और पत्रकारों को गिरफ्तार करने के लिए करते हैं. यह केदारनाथ सिंह मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले की भावना के खिलाफ है और हाल में विनोद दुआ के खिलाफ राजद्रोह मामले में दोहराया गाय है.

बयान में आगे कहा गया है कि सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों और कार्टूनिस्टों को भी सोशल मीडिया पर निशाना बनाया जा रहा है.

अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज

पुलिस अधीक्षक आकाश तोमर ने बताया कि पत्रकार सुलभ श्रीवास्तव रविवार को लालगंज कोतवाली क्षेत्र के असरही इलाके में एक समाचार की कवरेज के लिए गए थे. देर रात लौटते समय नगर कोतवाली क्षेत्र के सुखपाल नगर ईंट भट्ठे के निकट वह घायल अवस्था में मिले. उन्हें जिला चिकित्सालय पहुंचाया गया जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.

उन्होंने बताया कि इस मामले में मृतक की पत्नी रेणुका श्रीवास्तव ने तहरीर देकर आरोप लगाया है कि उनके पति को शराब माफिया के विरुद्ध खबर चलाने पर जान व माल के नुकसान की धमकी दी जा रही थी. इसकी लिखित सूचना प्रयागराज जोन के अपर पुलिस महानिदेशक को दी गयी थी लेकिन कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई.

तोमर के मुताबिक रेणुका का आरोप है कि रविवार को लालगंज से कवरेज कर लौटते समय उनके पति की अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी.

उन्होंने बताया कि पुलिस ने रेणुका की तहरीर पर अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. शव के पोस्टमॉर्टम के बाद अंतिम संस्कार प्रयागराज में किया गया.

(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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