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Monday, 23 December, 2024
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सीएए प्रदर्शन: एडिटर्स गिल्ड ने कहा- पत्रकारों के साथ पुलिस की हिंसा लोकतंत्र की आवाज का गला घोंटना है

उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों की रिपोर्टिंग कर रहे कई पत्रकारों को हिरासत में लिया गया. इन पत्रकारों में ‘द हिंदू’ के उमर राशिद की लखनऊ में हिरासत भी शामिल है.

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नई दिल्ली: नागिरकता कानून को लेकर देशभर में चल रहे विरोध-प्रदर्शनों की रिपोर्टिंग कर रहे पत्रकारों पर हमले की एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने निंदा की है. कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में जारी प्रदर्शनों में पत्रकारों के खिलाफ की गई ‘हिंसा एवं बर्बरता’ बताते हुए सोमवार को गिल्ड ने कहा इस तरह के कदम लोकतंत्र की आवाज का ‘गला घोंटते’ हैं.

उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में नागरिकता संशोधित कानून के खिलाफ प्रदर्शनों की रिपोर्टिंग कर रहे कई पत्रकारों को हिरासत में लिया गया. इन पत्रकारों में ‘द हिंदू’ समाचार पत्र के संवाददाता उमर राशिद भी शामिल हैं, जिन्हें लखनऊ में हिरासत में लिया गया.

गिल्ड ने एक बयान में कहा कि बलों को यह याद रखना चाहिए कि पत्रकार समाचार एकत्र करने का अपना दायित्व पूरा करने के लिए प्रदर्शन स्थलों पर मौजूद होते हैं, जिसका अधिकार उन्हें संविधान ने दिया है.

इसने कहा, ‘एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया देश के विभिन्न हिस्सों में, खासकर कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में मीडियाकर्मियों के खिलाफ पिछले एक सप्ताह में पुलिस द्वारा की गई हिंसा और बर्बरता के विभिन्न कृत्यों की निंदा करता है.’

संस्था ने कहा, ‘गिल्ड देशभर के पुलिस बलों को यह याद दिलाता है कि प्रदर्शन स्थलों पर विभिन्न परिसरों में मौजूद पत्रकार सूचना एकत्र करने और अपने मीडिया मंचों के जरिए लोगों तक उन्हें पहुंचाने का अपना कर्तव्य पूरा कर रहे हैं, जिसका उन्हें संविधान ने अधिकार दिया है. अपना काम कर रहे पत्रकारों के खिलाफ बल प्रयोग या हिंसा लोकतंत्र की आवाज और मीडिया की स्वतंत्रता का गला घोंटती है.’

गिल्ड ने गृह मंत्रालय से कहा कि वह पुलिस को पत्रकारों को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दे और इस समय पत्रकारों को निशाना बनाने की जगह ‘उचित’ और ‘जिम्मेदार’ कवरेज सुनिश्चित करने की आवश्यकता है. पत्रकारों के खिलाफ हिंसा जैसे कृत्यों से यह संभव नहीं है.

(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)

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