लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोमवार को लखनऊ यूनिवर्सिटी के भाषा विज्ञान विभाग की सहायक प्रोफेसर माद्री काकोटी पर पहलगाम आतंकी हमले पर उनके सोशल मीडिया पोस्ट के संबंध में देशद्रोह सहित कई अपराधों के लिए मामला दर्ज किया. यह कार्रवाई लोक गायिका नेहा राठौड़ के खिलाफ हमले के मद्देनज़र सरकार के खिलाफ उनकी टिप्पणियों के लिए एक दिन पहले राज्य पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद की गई है.
दक्षिणपंथी छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के मेंबर्स और यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट जतिन शुक्ला की शिकायत के आधार पर हसनगंज थाने में काकोटी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई.
एफआईआर जिसे दिप्रिंट ने भी देखा है, के अनुसार, शुक्ला ने आरोप लगाया है कि काकोटी अपने सोशल मीडिया पोस्ट में, विशेष रूप से एक्स पर, लगातार भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को निशाना बना रही थीं और शांति और व्यवस्था को खतरे में डाल रही थीं.
यह भी आरोप लगाया गया है कि उनके पोस्ट भारत में दंगे भड़काने के इरादे से किए गए थे. इसमें कहा गया है, “डॉ. काकोटी अक्सर अपने प्लेटफॉर्म पर ‘भगवा आतंकवादी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल करती हैं” और कहा गया है कि उनके कुछ पोस्ट पाकिस्तानी यूट्यूब चैनलों द्वारा शेयर किए जा रहे हैं.
काकोटी पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं जिनमें अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उपयोग करके धार्मिक घृणा का प्रचार करने, समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने, इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से बयान, झूठी सूचना, अफवाह या रिपोर्ट बनाने और प्रकाशित करने, शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान करने, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से शब्द बोलने, भारत की एकता को खतरे में डालने के अलावा, आईटी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
लखनऊ पुलिस के अधिकारियों ने दिप्रिंट को पुष्टि की कि डॉ. माद्री काकोटी पर देशद्रोह और अन्य अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया है.
एफआईआर दर्ज होने के बाद मीडिया को दिए गए बयान में प्रोफेसर ने ऐसा कुछ भी कहने से इनकार किया था जिससे लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हों. बाद में मंगलवार को एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने अपने शब्दों पर सफाई दी और माफी मांगी.
उन्होंने कहा, “मेरे द्वारा किए गए पोस्ट और वीडियो में आतंकवादी/आतंकवादी शब्द केवल और केवल पाकिस्तान द्वारा समर्थित और प्रायोजित आतंकवादियों के लिए है, जिन्होंने पहलगाम में भारतीयों का धर्म पूछकर उनकी नृशंस हत्या की…”
“मुझे बहुत दुख है कि एक शिक्षक होने के बावजूद मैं यह नहीं समझा सकी कि मेरा क्या मतलब था. भाषा विज्ञान में डिग्री होने के बावजूद मेरी भाषा मेरे संदेश को व्यक्त करने के लिए पर्याप्त स्पष्ट नहीं थी…मुझे खेद है कि मेरे शब्दों का गलत अर्थ निकाला गया है और आपको ठेस पहुंची है.”
डॉ. काकोटी को एक्स पर डॉ. मेडुसा के नाम से जाना जाता है और उनके 1.5 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं. वे दिल्ली यूनिवर्सिटी और जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी की पूर्व छात्रा हैं.
एक्स पर उन्होंने कई पोस्टों में पहलगाम हमले का मुद्दा उठाया और इस विषय पर विपक्षी पार्टी के नेताओं की पोस्टों को भी रिशेयर भी किया.
कश्मीर में हमले के एक दिन बाद एक पोस्ट में काकोटी ने लिखा: “किसी का धर्म पूछकर गोली मारना आतंकवाद है. इसी तरह, धर्म पूछकर लिंचिंग करना, धर्म पूछकर नौकरी से निकाल देना, धर्म पूछकर घर न देना, धर्म पूछकर घर पर बुलडोजर चलाना भी आतंकवाद है. असली आतंकवाद को पहचानना सीखो.”
पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह उन पोस्ट में से एक था, जिसने प्रोफेसर को ABVP सदस्यों के निशाने पर ला दिया, जिन्होंने उनकी प्रोफाइल की छानबीन की और फिर उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई.
रविवार को यूपी पुलिस ने गायिका नेहा राठौड़ पर BNS की 11 धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था. उन्होंने सोशल मीडिया पर पहलगाम हमले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा था और दावा किया था कि भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार हमले के नाम पर बिहार में वोट मांगेगी.
उन्होंने एक अन्य क्लिप में कहा, “भाजपा देश को कमज़ोर करने का काम कर रही है. क्या भारत का हिंदू-मुस्लिम एजेंडा देश को कमज़ोर नहीं कर रहा है? आतंकवादी यही चाहते हैं.”
बाद में, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने राठौड़ के समर्थन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उनका वीडियो चलाया और उनके खिलाफ कार्रवाई की निंदा की.
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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