नयी दिल्ली/बेंगलुरु, 14 अप्रैल (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कर्नाटक के राज्यपाल और लोकायुक्त को पत्र लिखकर कोलार-चिक्कबल्लापुर जिला सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड (केओएमयूएल) में 2023 की भर्ती प्रक्रिया में कांग्रेस के एक विधायक के नेतृत्व में ‘‘सुनियोजित धांधली’’ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और स्वतंत्र जांच की मांग की है।
आधिकारिक सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कथित ‘नकदी के बदले नौकरी’ रैकेट का खुलासा संघीय एजेंसी द्वारा जनवरी में कोलार जिले की मालूर सीट से कांग्रेस विधायक के वाई नानजेगौड़ा और उनके सहयोगियों के खिलाफ की गई तलाशी के दौरान हुआ था।
कथित भर्ती घोटाला सितंबर, 2023 से संबंधित है जब केओएमयूएल ने मैंगलोर विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक लिखित परीक्षा के माध्यम से 81 पदों के लिए भर्ती की घोषणा की।
ईडी के अनुसार, भर्ती प्रक्रिया में एक लिखित परीक्षा (85 प्रतिशत भारांक) शामिल थी, जिसके बाद एक भर्ती समिति द्वारा साक्षात्कार (15 प्रतिशत भारांक) शामिल था। भर्ती समिति में केओएमयूएल के अध्यक्ष नानजेगौड़ा, केओएमयूएल बोर्ड के निदेशक के एन नागराज, सहकारी विभाग के अतिरिक्त रजिस्ट्रार लिंगाराजू, कर्नाटक दुग्ध महासंघ के प्रतिनिधि बी पी राजू और कोमुल के एमडी गोपाल मूर्ति शामिल थे।
ईडी के अनुसार, दिसंबर, 2023 में साक्षात्कार के लिए 320 उम्मीदवारों को चुना गया था और 75 चयनित उम्मीदवारों की अंतिम सूची को केओएमयूएल बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया गया था। इन उम्मीदवारों को बाद में परिणाम प्रकाशित किए बिना ही प्रशिक्षण के लिए भेज दिया गया।
आधिकारिक रिकॉर्ड के अनुसार, एजेंसी ने अपने द्वारा जब्त किए गए सबूतों को साझा किया है। केओएमयूएल के निदेशकों पर छापे के दौरान ये सबूत जब्त किए गए थे।
सूत्रों ने कहा कि इन निष्कर्षों और ‘‘सबूत’’ को ईडी ने कर्नाटक के राज्यपाल और मैंगलोर विश्वविद्यालय के कुलपति के साथ राज्य लोकायुक्त के साथ प्राथमिकी दर्ज करने और स्वतंत्र जांच करने के लिए साझा किया था। समझा जाता है कि राज्यपाल ने ईडी के इन निष्कर्षों और आरोपों की जांच के लिए राज्य अधिकारियों को पत्र लिखा है।
ईडी ने दावा किया कि जांच से केओएमयूएल में पूरी भर्ती प्रक्रिया में ‘‘सुनियोजित धांधली’’ का पता चला है और नानजेगौड़ा इस ‘‘नौकरियों के बदले अवैध धन प्राप्त करने के मामले में ‘‘मुख्य व्यक्ति’’ के रूप में उभरे हैं।
जनवरी में कांग्रेस विधायक के खिलाफ छापेमारी के बाद एजेंसी ने एक आधिकारिक बयान जारी कर दावा किया था कि उसने केओएमयूएल की भर्ती प्रक्रिया में ‘‘घोटाले’’ का खुलासा किया है।
ईडी ने अपनी जांच का हवाला देते हुए कहा कि यह भी पता चला है कि कुछ नेताओं ने अपने उम्मीदवारों को चयन के लिए भेजा था और ऐसे कुल 30 संदर्भों को समायोजित किया गया था।
भाषा आशीष नरेश
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