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Tuesday, 8 October, 2024
होमदेशईडी ने जेकेसीए धनशोधन मामले में 7.25 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क की

ईडी ने जेकेसीए धनशोधन मामले में 7.25 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क की

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नयी दिल्ली, तीन मार्च (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (जेकेसीए) के पूर्व पदाधिकारियों से संबंधित धनशोधन के मामले में अहसान अहमद मिर्जा की 7.25 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति ‘‘अस्थायी रूप से कुर्क” की है।

इस मामले में यह तीसरा कुर्की आदेश है।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की संपत्ति को दिसंबर 2020 में अस्थायी रूप से कुर्क किया गया था और इसे जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी।

अब्दुल्ला 2001 से 2012 तक जेकेसीए के अध्यक्ष थे और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) तथा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की जा रही जांच 2004 एवं 2009 के बीच कथित वित्तीय हेराफेरी के बारे में है।

ईडी ने एक बयान में कहा कि इस मामले में 14.32 करोड़ रुपये की संपत्ति पहले ही कुर्क की जा चुकी है जिसमें मिर्जा और मीर मंजूर गजनफर की 2.46 करोड़ रुपये की चल एवं अचल संपत्ति तथा अब्दुल्ला की 11.86 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति हैं।

अब्दुल्ला द्वारा आदेश को चुनौती दिए जाने के बावजूद निर्णय प्राधिकारी ने पहले के दो आदेशों के तहत अस्थायी कुर्की की पुष्टि की। बयान में कहा गया, ‘निर्णय प्राधिकारी पहले ही अस्थायी कुर्की आदेशों की पुष्टि कर चुके हैं।’

ईडी ने दावा किया कि अब तक की जांच से पता चला है कि अहसान अहमद मिर्जा ने जेकेसीए के अन्य पदाधिकारियों के साथ मिलकर 51.90 करोड़ रुपये के जेकेसीए कोष का दुरुपयोग किया और अपनी व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक देनदारियों को निपटाने के लिए आय का उपयोग किया।

इसने श्रीनगर के राममुंशी बाग थाने में दर्ज एक मामले के आधार पर जेकेसीए पदाधिकारियों के खिलाफ धनशोधन की जांच शुरू की थी। बाद में उच्च न्यायालय के निर्देश पर मामला सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया गया था।

सीबीआई जेकेसीए के पूर्व पदाधिकारियों के खिलाफ 43.69 करोड़ रुपये के धन की हेराफेरी के मामले में आरोपपत्र दायर कर चुकी है।

बयान में कहा गया है कि ईडी द्वारा एक नवंबर, 2019 को मिर्जा की गिरफ्तारी के बाद उसके खिलाफ प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, श्रीनगर (विशेष धनशोधन रोकथाम अधिनियम अदालत) में एक अभियोजन शिकायत भी दर्ज की गई थी। इसमें कहा गया कि मुकदमा चल रहा है।

भाषा नेत्रपाल वैभव

वैभव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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