नई दिल्ली: महादेव सट्टेबाजी ऐप मामले में अभिनेता रणबीर कपूर को प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार (6 अक्टूबर) को तलब किया है.
सूत्रों के मुताबिक रणबीर कपूर ने कथित तौर पर महादेव सट्टेबाजी ऐप के लिए प्रचार गतिविधियां की थीं. इस मामले में, ईडी को कई अन्य ए लिस्टर हस्तियों और कुछ खेल जगत की हस्तियों पर भी संदेह है, जिन्होंने ऐप को बढ़ावा दिया था.
महादेव ऐप के संस्थापक इसी तरह के 4-5 ऐप चला रहे हैं. ये ऐप्स यूएई से चलाए जा रहे थे, साथ ही ये सभी ऐप्स हर दिन कई करोड़ रुपये का मुनाफा कमा रहे थे.
इस फरवरी में संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित एक भव्य शादी ने प्रवर्तन निदेशालय का ध्यान आकर्षित किया, जब पार्टी पर खर्च किए गए सारे पैसे – लगभग 200 करोड़ रुपये – पूरी तरह से नकद में भुगतान किए गए थे.
रास अल-खैमा में आयोजित अपनी शादी में, महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग ऐप के प्रमोटरों में से एक, सौरभ चंद्राकर ने परिवार के सदस्यों को नागपुर से संयुक्त अरब अमीरात तक ले जाने के लिए निजी जेट किराए पर लिया और प्रदर्शन के लिए भारतीय फिल्म उद्योग की मशहूर हस्तियों को भुगतान किया था.
एजेंसी ने सितंबर के मध्य में महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग ऐप से जुड़े ऑनलाइन मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी जांच का विवरण जारी किया. ईडी ने कहा था कि वेडिंग प्लानर, डांसर, डेकोरेटर आदि को मुंबई से काम पर रखा गया था और नकद भुगतान करने के लिए हवाला चैनलों का इस्तेमाल किया गया था.
महादेव ऑनलाइन बुक बेटिंग ऐप एक व्यापक सिंडिकेट है जो अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों को नए उपयोगकर्ताओं को नामांकित करने, उपयोगकर्ता आईडी बनाने और बेनामी बैंक खातों के एक स्तरित वेब के माध्यम से धन की हेराफेरी करने में सक्षम बनाने के लिए ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म की व्यवस्था करता है.
ईडी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले चंद्राकर और रवि उप्पल महादेव सट्टेबाजी मंच के दो मुख्य प्रमोटर हैं और ये दुबई से अपना संचालन चलाते हैं.
एजेंसी ने हाल ही में रायपुर, भोपाल, मुंबई और कोलकाता में 39 स्थानों पर तलाशी ली थी और 417 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति जब्त की थी. ईडी ने विदेश में भी गंभीरता से जांच शुरू कर दी है.
रायपुर में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत ने संदिग्धों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी किया है.
महादेव ऑनलाइन बुक ऐप के संबंध में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रही ईडी ने पिछले महीने छत्तीसगढ़ में तलाशी ली थी और सट्टेबाजी सिंडिकेट के मुख्य संपर्ककर्ता सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था, जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि वह वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों को ‘संरक्षण राशि’ के रूप में रिश्वत का भुगतान करने का आयोजन कर रही थी.
ईडी ने कहा था कि उसने महादेव ऑनलाइन बुकिंग ऐप के मनी लॉन्ड्रिंग ऑपरेशन में शामिल अन्य प्रमुख खिलाड़ियों की सफलतापूर्वक पहचान कर ली है.
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