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Thursday, 25 April, 2024
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ED ने महबूबा मुफ्ती की मां को भेजा सम्मन, PDP चीफ ने कहा- भारत सरकार वरिष्ठों को भी नहीं बख्शती

मनी लांड्रिंग को लेकर भेजे गए नोटिस पर पीडीपी चीफ ने कहा कि जिस दिन पीडीपी ने परिसीमन आयोग से न मिलने का फैसला किया, इसी को लेकर ईडी ने मेरी मां को अज्ञात आरोपों को लेकर सम्मन भेजा है.

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नई दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जम्मू-कश्मीर की पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती की मां को मनी लांड्रिंग मामले में सम्मन भेजा है. उन्हें 14 जुलाई को तलब किया है. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. वहीं महबूबा ने इसको लेकर भारत सरकार की निंंदा करते हुए कहा कि वह अपने विरोधियों को डराने-धमकाने में वरिष्ठ नागरिकों को भी नहीं बख्शती.

अधिकारियों ने बताया कि गुलशन नजीर को श्रीनगर में केंद्रीय जांच एजेंसी के समक्ष उपस्थित होने को कहा गया है.

महबूबा ने हैरानगी जताई है कि उनकी मां को नोटिस ऐसे दिन जारी किया गया ,जब पीडीपी ने परिसीमन आयोग से नहीं मिलने का फैसला किया है.

पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया है कि जिस दिन पीडीपी ने परिसीमन आयोग से नहीं मिलने का फैसला किया, तभी ईडी ने मेरी मां को अज्ञात आरोपों को लेकर व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए सम्मन भेजा है. यह अपने राजनीतिक विरोधियों को डराने-धमकाने की कोशिश है, भारत सरकार इस मामले में वरिष्ठ नागरिकों भी नहीं बख्शती. एनआईए और ईडी जैसी एजेंसियां अब इस सरकार के लिए नंबर बढ़ाने का टूल बन गई हैं.

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परिसीमन आयोग से मुलाकात में पीडीपी नहीं होगी शामिल

गौरतलब है कि केंद्र शासित क्षेत्र जम्मू कश्मीर में नए निर्वाचन क्षेत्रों के गठन को लेकर जमीनी स्तर की जानकारी लेने के लिये मंगलवार को यहां पहुंच रहे परिसीमन आयोग से पीडीपी को छोड़कर कश्मीर की सभी प्रमुख राजनीतिक पार्टियां मुलाकात करेंगी.

पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व वाली पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने परिसीमन प्रक्रिया से अलग रहने का फैसला किया है और कहा कि आयोग के पास ‘संवैधानिक तथा कानूनी जनादेश’ का अभाव है और वह जम्मू-कश्मीर के लोगों के राजनीतिक निशक्तीकरण की प्रक्रिया का हिस्सा है.

पीडीपी के महासचिव गुलाम नबी लोन हंजूरा ने आयोग को लिखे दो पृष्ठ के पत्र में आयोग का नेतृत्व कर रहीं न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने कार्यवाही से दूर रहने का फैसला किया है और वह ‘ऐसी किसी कार्यवाही का हिस्सा नहीं होगी, जिसके परिणाम व्यापक रूप से पूर्व नियोजित माने जा रहे हैं और जिससे हमारे लोगों के हित प्रभावित हो सकते हैं.’

अन्य दलों ने हालांकि प्रतिनिधिमंडल से मिलने का फैसला किया है और अपने प्रतिनिधियों को नामित भी कर दिया है.

 

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