नयी दिल्ली, छह जून (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने 63 करोड़ रुपये के कथित स्वर्ण ऋण घोटाले से जुड़े धनशोधन मामले में कर्नाटक स्थित एक सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष और उनकी पत्नी की लगभग 14 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
संघीय जांच एजेंसी ने मामले में छापेमारी के बाद अप्रैल में आरएम मंजूनाथ गौड़ा को गिरफ्तार किया था।
शिवमोगा स्थित शिमोगा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के पूर्व अध्यक्ष फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं।
ईडी ने एक बयान में कहा कि सहकारी बैंक की शविमोगा शाखा में स्वर्ण ऋण घोटाले से संबंधित जांच में गौड़ा और उनकी पत्नी की 13.91 करोड़ रुपये की वर्तमान बाजार मूल्य वाली अचल और चल संपत्तियों को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कुर्क किया गया है।
धनशोधन का यह मामला कर्नाटक पुलिस द्वारा दर्ज की गई शिकायत और आरोपपत्र से उत्पन्न हुआ है, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उक्त बैंक की पूर्व शाखा प्रबंधक बी. शोभा ने अन्य सह-आरोपियों के साथ षडयंत्र रचकर 62.77 करोड़ रुपये को “अन्यत्र” भेजा।
पुलिस के अनुसार, इस धोखाधड़ी की कार्यप्रणाली में व्यक्तिगत खाताधारकों की जानकारी के बिना फर्जी, मनगढ़ंत और जाली दस्तावेजों का उपयोग करके “धोखाधड़ी” वाले स्वर्ण ऋण खाते खोलना शामिल था।
ईडी की जांच में पाया गया कि “शिमोगा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक, शहर शाखा में बड़े पैमाने पर धन की हेराफेरी हुई थी, जिसे मुख्य रूप से आर एम मंजूनाथ गौड़ा के निर्देश पर शाखा प्रबंधक बी शोभा द्वारा अंजाम दिया गया था।”
एजेंसी ने आरोप लगाया कि बी. शोभा द्वारा अन्य सह-आरोपियों के साथ साजिश करके अर्जित ‘‘अपराध की आय’’ को गौड़ा को “सौंप दिया गया”।
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