नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में अपने द्वारा नियुक्त की गई कमेटी की रिपोर्ट को लेकर यूपी सरकार से जवाब मांगा है. रिपोर्ट में कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा आशीष मिश्रा को जमानत दिए जाने के फैसले को चुनौती दिए जाने की सिफारिश की थी.
शीर्ष अदालत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त की गई कमेटी ने आशीष मिश्रा की जमानत को रद्द किए जाने की सिफारिश की है. सुप्रीम कोर्ट, आशीष मिश्रा को दी गई जमानत को कैसिंल किए जाने संबंधी याचिका की सुनवाई कर रही थी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 10 फरवरी को केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में जमानत दे दी थी.
चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को 4 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध कर लिया है और यूपी सरकार को अपना जवाब देने को कहा है.
याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट के सामने पेश होते हुए सीनियर वकील दुष्यंत दबे ने कहा कि राज्य ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में आशीष मिश्रा की जमानत का विरोध किया था.
इससे पहले यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दिए एक एफिडेविट में बताया था कि राज्य सरकार ने गवाहों और उनके परिवारों की सुरक्षा का पूरा प्रयास किया है.
सरकार ने कहा कि सभी गवाहों को पुलिस द्वारा लगातार उनकी सुरक्षा को लेकर संपर्क किया जाता रहा है.
इससे पहले एडवोकेट प्रशांत भूषण ने याचिकाकर्ता की तरफ से शामिल होते हुए कहा कि आशीष मिश्रा के जमानत पर बाहर आते ही एक गवाह के ऊपर गंभीर हमला हुआ. इसके बाद लखीमपुर खीरी मामले के पीड़ितों के परिवार वालों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए उनके जमानत को चुनौती दी.
बता दें कि पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी. फिर मामले में हो रही जांच की निगरानी के लिए सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जज राकेश कुमार जैन की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था.
यह भी पढ़ेंः सुप्रीम कोर्ट में बोली योगी सरकार- लखीमपुर खीरी के आरोपी आशीष की बेल का किया था पुरजोर विरोध