नयी दिल्ली, 13 जून (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने कथित पोंजी योजना के तहत निवेशकों से ठगी गयी कुल 7,000 करोड़ रुपये की संपत्ति आंध्र प्रदेश सरकार को लौटाने में सफलता हासिल कर ली है, ताकि ‘एग्री गोल्ड’ धोखाधड़ी के शिकार लोगों की प्रतिपूर्ति की जा सके।
संघीय जांच एजेंसी ने फरवरी में इस प्रक्रिया की शुरुआत की थी और 3,339 करोड़ रुपये (वर्तमान बाजार मूल्य 6,000 करोड़ रुपये से अधिक) की संपत्तियां लौटा दी थी। ईडी ने अब 611 करोड़ रुपये (वर्तमान बाजार मूल्य 1,000 करोड़ रुपये से अधिक) की संपत्तियां लौटा दी है।
एजेंसी के अनुसार, यह मामला ‘एग्री गोल्ड’ समूह की कंपनियों से संबंधित है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने रियल एस्टेट निवेश के नाम पर लगभग 19 लाख ग्राहकों (32 लाख खाताधारकों) से ‘उच्च रिटर्न’ या आवासीय भूखंड का वादा करके राशि एकत्र की थी।
ईडी के हैदराबाद स्थित क्षेत्रीय कार्यालय ने मई में एक विशेष अदालत (महानगरीय सत्र न्यायाधीश, हैदराबाद) के समक्ष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धारा 8(8) के तहत आवेदन दायर किया था, ताकि इस मामले में जांच के दौरान कुर्क की गई चल और अचल संपत्तियां आंध्र प्रदेश के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) को सौंपी जा सके।
एजेंसी ने एक बयान में कहा कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि (ईडी द्वारा) कुर्क की गई संपत्ति आंध्र प्रदेश वित्तीय प्रतिष्ठान जमाकर्ता संरक्षण अधिनियम (एपीपीडीएफई), 1999 के प्रावधानों के तहत ‘एग्री गोल्ड’ पोंजी योजनाओं के पीड़ितों को वापस दी जा सके।
अधिकारियों ने बताया कि निवेश धोखाधड़ी के शिकार हुए लोगों की मदद के लिए पीएमएलए में परिसंपत्तियों की वापसी का प्रावधान है और ईडी द्वारा राज्य सरकार को संपत्तियों की वापसी के साथ ही अधिकारी अब एपीपीडीएफई अधिनियम के तहत पीड़ितों को धनराशि सौंप सकते हैं।
ईडी के अनुसार, अदालत ने 10 जून को एक आदेश जारी कर ईडी द्वारा दायर याचिका को स्वीकार कर लिया और इस प्रकार, पीड़ितों को कुर्क की गई संपत्ति वापस दिलाने का मार्ग प्रशस्त कर दिया।
भाषा राजकुमार अविनाश
अविनाश
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