नयी दिल्ली/कोहिमा, चार नवंबर (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनुष्यों के बालों के निर्यात की आड़ में कथित तौर पर अवैध तरीके से वित्तीय लेनदेन किए जाने से जुड़े फेमा मामले की जांच के तहत नगालैंड, असम और तमिलनाडु में एक साथ छापेमारी की। अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई ईडी के दीमापुर कार्यालय ने शुरू की है।
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) के प्रावधानों के तहत दीमापुर और गुवाहाटी में दो-दो और चेन्नई में तीन परिसरों पर छापे मारे गए।
अधिकारियों ने बताया कि ईडी के नगालैंड कार्यालय की ओर से उक्त कानून के तहत की गई यह ऐसी पहली कार्रवाई है।
जांच लीमा इमसोंग नामक एक व्यक्ति और कुछ अन्य लोगों से संबंधित है। यह पाया गया है कि लीमा इमसोंग के स्वामित्व वाली इमसोंग ग्लोबल सप्लायर्स नामक कंपनी ने मनुष्यों के बालों के निर्यात के बहाने विदेश से धन प्राप्त किया।
ईडी अधिकारियों ने बताया कि काफी समय बीत जाने के बावजूद, उक्त संस्था निर्धारित समय-सीमा में अधिकृत डीलर बैंक में शिपिंग बिल, निर्यात चालान की प्रतियां आदि जैसे आवश्यक निर्यात दस्तावेज जमा करने में विफल रही।
उन्होंने कहा कि निर्यात दायित्वों को पूरा न करना और दस्तावेजी साक्ष्यों को छिपाना फेमा और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निर्देशों का उल्लंघन है।
जांच में पाया गया कि इस (इमसोंग ग्लोबल) बैंक खाते में प्राप्त विदेशी धन को इंकेमइंडिया प्राइवेट लिमिटेड नामक संस्था और लीमा इमसोंग तथा उनके परिवार के सदस्यों के निजी खातों में ‘अंतरित’ किया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि इंकेम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का ‘स्वामित्व और नियंत्रण’ लीमा इमसोंग के पास है।
ईडी की जांच में पाया गया, ‘कंपनी निष्क्रिय थी और केवल उस अवधि के दौरान सक्रिय हुई जब लीमा इमसोंग को धन प्राप्त होता था। ऐसा लगता है कि यह एक कागजी कंपनी है।’
अधिकारियों ने बताया कि इनकेम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के बैंक खाते में प्राप्त धनराशि को चेन्नई में मानव बालों के व्यापार में संलिप्त कुछ संदिग्ध संस्थाओं को अंतरित कर दिया गया। उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है।
भाषा जोहेब शोभना
शोभना
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