नयी दिल्ली, 25 फरवरी (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में 3,600 करोड़ रुपये के अगस्ता वेस्टलैंड ‘घोटाले’ से जुड़े धन शोधन मामले में कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल जेम्स की जमानत याचिका का विरोध किया।
कथित घोटाला अगस्ता वेस्टलैंड से 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की खरीद से संबंधित है।
एजेंसी के वकील ने कहा कि हालांकि उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई द्वारा जांच किए जा रहे अपराध में जेम्स को जमानत दे दी है, लेकिन धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मामले में राहत देने के लिए दोहरे परीक्षण की संतुष्टि की आवश्यकता है।
वकील ने न्यायमूर्ति स्वर्णकांत शर्मा के समक्ष इस बात पर जोर दिया कि ब्रिटिश नागरिक के देश छोड़कर भाग जाने का खतरा है और उसे प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए, क्योंकि वह जांच में शामिल नहीं हुआ।
आरोपी की ओर से उपस्थित वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल का पासपोर्ट की वैधता पहले ही समाप्त हो चुकी है, और धन शोधन विरोधी कानून के तहत अधिकतम सजा सात वर्ष है, जबकि जेम्स पहले ही छह वर्ष जेल में बिता चुका है।
अदालत को यह भी बताया गया कि सीबीआई मामले में जेम्स को जमानत देने के शीर्ष अदालत के आदेश के अनुसरण में, अधीनस्थ अदालत ने अभी तक उसकी रिहाई के लिए शर्तें तय नहीं की हैं।
अदालत ने कहा, “उन्हें इसे लिखने दीजिए। इसे शुक्रवार को सूचीबद्ध कीजिए।” अदालत ने प्रवर्तन विभाग (ईडी) के वकील से अगली तारीख पर अपना पक्ष रखने को कहा।
उसने कहा, “उच्चतम न्यायालय ने पहले ही इस अपराध में जमानत दे दी है। इसमें सीमित दलीलें होंगी।”
जेम्स को दिसंबर 2018 में दुबई से प्रत्यर्पित किया गया था और बाद में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और ईडी ने उसे गिरफ्तार कर लिया था।
वह मामले में जांच के दायरे में आने वाले तीन कथित बिचौलियों में से एक है। अन्य दो गुइडो हैश्के और कार्लो गेरोसा हैं।
सीबीआई ने अपने आरोपपत्र में आरोप लगाया है कि आठ फरवरी, 2010 को हस्ताक्षरित वीवीआईपी हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति के लिए 55.62 करोड़ यूरो मूल्य के हेलीकॉप्टर सौदे के कारण सरकारी खजाने को 39.82 करोड़ यूरो (लगभग 2,666 करोड़ रुपये) का अनुमानित नुकसान हुआ है।
भाषा प्रशांत माधव
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