नई दिल्ली : महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक (एमएससीबी) में 25 हजार करोड़ रुपये के कथित घोटाला मामले में एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को बयान दिया है. पवार ने कहा, मैं नहीं चाहता कि कानून व्यवस्था खराब हो, इसलिए ईडी दफ्तर नहीं जाने का फैसला किया है. उन्होंने यह भी कहा कि उनका घोटाले से कोई लेना-देना नहीं है और सभी विपक्षी पार्टियां उनके साथ हैं.
NCP Chief Sharad Pawar: Mumbai Commissioner of Police and Joint CP meet me today and requested me not to go so that the law and order situation remains under control. https://t.co/431crZ0sen
— ANI (@ANI) September 27, 2019
वहीं मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी शरद पवार के समर्थन में उतर गए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा टारगेट किए जाने वाले शरद पवार विपक्ष के नए नेता हैं. राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र में चुनाव से एक महीने पहले इस तरह की कार्रवाई सियासी अवसरवाद की पुनरावृत्ति है.
वहीं, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता जितेंद्र आव्हाड ने कहा, मुंबई पुलिस आयुक्त और ज्वाइंट सीपी ने शरद पवार से अनुरोध किया है कि ईडी कार्यालय का दौरा न करें क्योंकि प्रतिबंधात्मक आदेश लागू हैं. शरद पवार जी जल्द ही फैसला करेंगे.
NCP leader Jitendra Awhad: Mumbai Commissioner of Police and Joint CP have requested Sharad Pawar ji to not visit ED office as prohibitory orders are in place. Sharad Pawar ji will decide soon. pic.twitter.com/KCrJxbypua
— ANI (@ANI) September 27, 2019
एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर जाने का फैसला किया था. हालांकि, ईडी की ओर से नोटिस नहीं दिया गया है. शरद पवार ने कहा, वह बैंक घोटाले में एफआईआर के खिलाफ ईडी दफ्तर जाएंगे और अपना पक्ष रखेंगे.
मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय बार्वे ने शरद पवार से उनके घर जाकर मुलाकात की और उनसे ईडी दफ्तर न जाने की अपील भी की. एनसीपी प्रमुख शरद पवार के समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने ईडी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया.
Mumbai Commissioner of Police Sanjay Barve arrives at the residence of NCP Chief Sharad Pawar in Mumbai. pic.twitter.com/8ddxqMLovM
— ANI (@ANI) September 27, 2019
आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक (एमएससीबी) में 25 हजार करोड़ रुपये के कथित घोटाले में शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के साथ ही अन्य राजनेताओं और कई अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.