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बुधवार, 16 अप्रैल, 2025
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ईडी ने कर्नाटक भोवी विकास निगम मामले में दूसरी गिरफ्तारी की

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नयी दिल्ली, 16 अप्रैल (भाषा) प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को कहा कि उसने कर्नाटक के भोवी विकास निगम (केबीडीसी) में कथित अनियमितताओं से जुड़े धन शोधन मामले में दूसरी गिरफ्तारी की है।

केबीडीसी राज्य सरकार का विभाग है, जो भोवी समुदाय के कल्याण के लिए काम करता है। यह समुदाय कर्नाटक की अनुसूचित जाति (एससी) सूची में शामिल है।

ईडी ने एक बयान में बताया कि केबीडीसी की पूर्व प्रबंध निदेशक आर लीलावती को 12 अप्रैल को हिरासत में लिया गया था। एजेंसी ने कहा कि उन्हें बेंगलुरु में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया और ईडी की हिरासत में भेज दिया गया।

ईडी ने मामले में इस महीने की शुरुआत में छापेमारी की थी और केबीडीसी के पूर्व महाप्रबंधक बीके नागराजप्पा को गिरफ्तार किया था। वह भी फिलहाल एजेंसी की हिरासत में हैं।

ईडी ने दावा किया कि लीलावती की नागराजप्पा, सुब्बाप्पा (केबीडीसी के तत्कालीन अधीक्षक) और अन्य संदिग्धों/आरोपियों के साथ मिलीभगत करके फर्जी कंपनियों के नाम पर ‘‘धोखाधड़ी’’ से बैंक खाते बनाकर केबीडीसी से धन के ‘‘अंतरण’’ में ‘‘महत्वपूर्ण’’ भूमिका थी।

एजेंसी के मुताबिक, वे केबीडीसी के खातों से धनराशि को फर्जी कंपनियों/लाभार्थियों के खातों में भेजने में कामयाब रहे, जिसे बाद में इन आरोपियों और अन्य संदिग्ध व्यक्तियों के मित्रों और परिवार के सदस्यों को अंतरित कर दिया गया।

ईडी के अनुसार, जांच में पाया गया कि कई बैंक खाते खोले गए और नागराजप्पा, लीलावती, सुब्बाप्पा और अन्य द्वारा जालसाजी करते हुए कई लाभार्थियों/इच्छित लाभार्थियों को ‘‘धोखा’’ दिया गया।

धन शोधन का यह मामला कर्नाटक पुलिस द्वारा केबीडीसी से 97 करोड़ रुपये के धन की ‘‘हेराफेरी और दुरुपयोग’’ के आरोप में दर्ज की गई कई प्राथमिकियों पर आधारित है।

भाषा आशीष पारुल

पारुल

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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