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Monday, 22 December, 2025
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ED ने प्रयाग ग्रुप ऑफ कंपनियों मामले में 110 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क कीं

इस मामले में ईडी पहले ही विशेष पीएमएलए अदालत में अभियोजन शिकायत दाखिल कर चुकी है. बासुदेव बागची और अविक बागची फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.

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नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने प्रयाग ग्रुप ऑफ कंपनियों और उसके निदेशकों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में 110 करोड़ रुपये मूल्य की अचल संपत्तियां जब्त की हैं.

इन संपत्तियों में प्रयाग ग्रुप की कंपनियों के नाम पर 450.42 एकड़ जमीन और उस पर बने ढांचे शामिल हैं, जिनकी अनुमानित कीमत 104 करोड़ रुपये है. ये संपत्तियां पश्चिम बंगाल, बिहार और असम में स्थित हैं. इसके अलावा निदेशकों बासुदेव बागची, अविक बागची और स्वप्ना बागची के नाम पर 6 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियां भी शामिल हैं. एजेंसी ने एक बयान में यह जानकारी दी.

कोलकाता जोनल कार्यालय ने धन शोधन निवारण अधिनियम यानी पीएमएलए, 2002 के तहत 15 दिसंबर को जारी अस्थायी कुर्की आदेश के बाद इन संपत्तियों को कुर्क किया है.

ईडी ने यह जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर और दाखिल चार्जशीट के आधार पर शुरू की थी. यह एफआईआर भारतीय दंड संहिता, 1860 और प्राइज चिट्स और मनी सर्कुलेशन स्कीम्स प्रतिबंध अधिनियम, 1978 की धाराओं के तहत दर्ज की गई थी. मामला प्रयाग ग्रुप द्वारा बिना अनुमति के जमा योजनाओं के जरिए बड़े पैमाने पर अवैध रूप से धन जुटाने से जुड़ा है.

ईडी ने कहा कि उसकी जांच में सामने आया है कि प्रयाग ग्रुप ने मुख्य रूप से अपनी कंपनियों प्रयाग इन्फोटेक हाई-राइज लिमिटेड और प्रयाग इन्फोटेक नेटवर्क प्राइवेट लिमिटेड के जरिए बिना भारतीय रिजर्व बैंक या भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड यानी सेबी की मंजूरी के अवैध जमा और मनी सर्कुलेशन योजनाओं के जरिए 38,71,674 जमाकर्ताओं से कुल 2,863 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से वसूली की.

ईडी के मुताबिक 31 मार्च 2016 तक जमाकर्ताओं के 1,906 करोड़ रुपये बकाया थे, जिसमें ब्याज शामिल नहीं है.

ईडी ने आगे कहा कि जांच में यह भी पता चला कि जुटाई गई राशि का इस्तेमाल किसी वैध कारोबारी गतिविधि में नहीं किया गया. इसके बजाय समूह ने एक पोंजी योजना चलाई, जिसमें नए निवेशकों से जुटाए गए पैसे से पुराने निवेशकों को भुगतान किया गया. साथ ही बड़ी रकम जमीन खरीदने, होटलों, फिल्म सिटी परियोजनाओं, कंपनियों के अधिग्रहण, एजेंटों को कमीशन, विज्ञापन, सेलिब्रिटी प्रचार और प्रमोटरों व उनके परिवार के निजी लाभ के लिए खर्च की गई.

ईडी ने यह भी कहा कि प्रयाग ग्रुप के निदेशक और प्रमोटर बासुदेव बागची, अविक बागची और स्वप्ना बागची ने अपराध से अर्जित धन का व्यक्तिगत रूप से लाभ उठाया. उन्होंने वेतन के नाम पर पैसे निकाले, अपने नाम पर अचल संपत्तियां खरीदीं, बिना किसी भुगतान के खुद को शेयर आवंटित किए और संबंधित संस्थाओं को धन भेजा.

इस मामले में ईडी पहले ही विशेष पीएमएलए अदालत में अभियोजन शिकायत दाखिल कर चुकी है. बासुदेव बागची और अविक बागची फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं.


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