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Friday, 22 November, 2024
होमदेशअगस्ता वैस्टलैंड मामले में प्रमुख आरोपी क्रिश्चियन मिशेल के खिलाफ ईडी ने पूरक आरोपपत्र दाखिल किया

अगस्ता वैस्टलैंड मामले में प्रमुख आरोपी क्रिश्चियन मिशेल के खिलाफ ईडी ने पूरक आरोपपत्र दाखिल किया

ईडी ने पूरक आरोपपत्र में तीन नए नामों को शामिल किया है, जिसमें डेविड सिम्स और मिशेल की कंपनी ग्लोबल सर्विस लिमिटेड और ग्लोबल ट्रेडिंग लिमिटेड शामिल हैं.

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नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को अगस्ता वैस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदा मामले में ब्रिटेन के नागरिक क्रिश्चियन मिशेल के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दाखिल किया. क्रिश्चियन मिशेल पर अगस्ता वैस्टलैंड हेलिकॉप्टर मामले में 3600 करोड़ का घोटाला किए जाने का आरोप है.

एजेंसी ने अपने पूरक आरोपपत्र में तीन नए नामों को शामिल किया है, जिसमें डेविड सिम्स और मिशेल की कंपनी ग्लोबल सर्विस लिमिटेड और ग्लोबल ट्रेडिंग लिमिटेड शामिल हैं. मिशेल ने पैसे प्राप्त करने के लिए इन कंपनियों का प्रयोग किया.

आरोपपत्र विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार के समक्ष पेश किया गया, जिन्होंने मामले की सुनवाई शनिवार 6 अप्रैल के लिए मुकर्रर कर दी.

मिशेल को संयुक्त अरब अमिरात से 4 दिसंबर 2018 को भारत प्रत्यर्पित किया गया था. ईडी ने अपनी चार्जशीट में मिशेल पर 225 करोड़ रुपये की दलाली का आरोप लगाया है.

ईडी ने कहा कि ग्लोबल सर्विस और ग्लोबल ट्रेडिंग के जरिए अगस्ता वेस्टलैंड से रिश्वत ली गई. एजेंसी ने कहा कि मामले में संलिप्त राजनेताओं और नौकरशाहों की भूमिकाओं की भी जांच होगी.

इस सौदे पर विवाद 2013 में शुरू हआ, जब फरवरी में फिनमेकेनिका के चेयरमैन ग्यूसेप ओर्सी और अगस्ता वैस्टलैंड के सीईओ ब्रूनो स्पैग्नोलिनी पर यह आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया गया कि उन्होंने भारतीय वायुसेना के साथ सौदा करने में बिचौलियों को रिश्वत दी थी. इसमें बिचौलिए गुइडो राल्फ हेशके, उनके साथी कार्लोस गेरोसा और मिशेल के नाम शामिल थे.

प्रिंट के एडिटर इन चीफ शेखर गुप्ता का वक्तव्य

अगस्ता वैस्टलैंड वीवीआईपी हैलीकॉप्टर डील घोटाले के एक प्रमुख आरोपी क्रिश्चियन मिशेल के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट में दावा किया गया है कि उन्होंने एक गाय डगलस नाम के शख्स का इस्तेमाल शेखर गुप्ता को इंडियन एक्सप्रेस में इस मामले में रिपोर्टिंग को कम तल्ख लिखने के लिए किया था. ये 100 प्रतिशत झूठ है, हास्यास्पद है और बेहूदा है.

सच इससे एकदम उलट है. इंडियन एक्सप्रेस ने उसके एडिटर इन चीफ शेखर गुप्ता के नेतृत्व में सबसे पहले ये कहानी ब्रेक की थी. वो अगस्ता वैस्टलैंड वीवीआईपी हैलीकॉप्टर डील मामले में मीडिया की पड़ताल में सबसे आगे था और उसकी इस कवरेज के लिए व्यापक शाबाशी भी मिली थी.

कथित बिचौलिये के इस झूठ की टाइमिंग उसके मकसद पर गहरा संदेह पैदा करते हैं. वो भी ऐसे वक्त में जब उसका प्रत्यर्पण हुआ और वो सरकार की एजेंसियों की पकड़ में उन्हीं मीडिया रिपोर्टो की वजह से आया है.

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