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Friday, 22 November, 2024
होमदेशरिश्वतखोरी के आरोप में तमिलनाडु में जेल में बंद अपने ही अधिकारी के खिलाफ ईडी ने दर्ज किया मामला

रिश्वतखोरी के आरोप में तमिलनाडु में जेल में बंद अपने ही अधिकारी के खिलाफ ईडी ने दर्ज किया मामला

तिवारी और उनकी टीम ने कथित तौर पर ईडी से संबंधित मामलों को बंद करने के लिए कई व्यक्तियों से रिश्वत की मांग की थी. वह ईडी के मदुरै सब-जोनल कार्यालय में तैनात थे.

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नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को अपने अधिकारी अंकित तिवारी के खिलाफ तमिलनाडु पुलिस द्वारा लगाए गए मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच शुरू की.

केंद्रीय एजेंसी ने तिवारी के खिलाफ प्रवर्तन शिकायत सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है, जिन्हें डिंडीगुल में एक सरकारी कर्मचारी से रिश्वत लेते हुए कथित तौर पर रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद 1 दिसंबर को दक्षिणी राज्य में जेल में डाल दिया गया था.

तिवारी और उनकी टीम ने कथित तौर पर ईडी से संबंधित मामलों को बंद करने के लिए कई व्यक्तियों से रिश्वत की मांग की थी. वह ईडी के मदुरै सब-जोनल कार्यालय में तैनात थे.

ईसीआईआर को डीएमके के नेतृत्व वाले राज्य के सतर्कता और भ्रष्टाचार निदेशालय (डीवीएसी) – उन्हें हिरासत में लेने वाली एजेंसी – द्वारा तिवारी के खिलाफ की गई एक एफआईआर के आधार पर दर्ज किया गया था.

इस बीच, मदुरै पुलिस ने डीवीएसी अधिकारियों को तिवारी के कार्यालय की तलाशी लेने में कथित रूप से बाधा डालने के लिए ईडी अधिकारियों के खिलाफ एक और मामला दर्ज किया है.

मदुरै पुलिस के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि डीवीएसी की शिकायत के आधार पर शनिवार को तल्लाकुलम पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था. पुलिस ने मदुरै सब-जोनल कार्यालय में प्रवर्तन एजेंसी के सहायक निदेशक को भी तलब किया है.

डीवीएसी ने ईडी पर छापेमारी की

जिस दिन डीवीएसी ने तिवारी को गिरफ्तार किया, उसके अधिकारियों ने ईडी के मदुरै कार्यालय पर लगभग 13 घंटे तक छापेमारी की.

जवाब में, ईडी के सहायक निदेशक (मदुरै उप-जोनल कार्यालय) ब्रृजेश बेनीवाल ने 4 दिसंबर को तमिलनाडु के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) शंकर जिवाल के पास शिकायत दर्ज की, जिसमें छापेमारी को “अवैध” बताया गया. उन्होंने कहा, ”तलाशी गैर-पेशेवर और अवैध तरीके से की गई.”

शिकायत में आगे आरोप लगाया गया कि छापेमारी करने वाली टीम आईडी कार्ड या तलाशी वारंट दस्तावेज़ पेश करने में विफल रही, और कहा: “केस के अलावा अन्य मामलों से संबंधित विभिन्न संवेदनशील केस रिकॉर्ड (और) फाइलों को उनके द्वारा वेरिफाई किया गया.”

दिप्रिंट को मिली जानकारी के मुताबिक बेनीवाल की शिकायत पर डीजीपी ने कोई कार्रवाई नहीं की है.

इस बीच, तिवारी अभी जेल में ही रहेंगे क्योंकि मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया है.

(संपादनः शिव पाण्डेय)
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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