नयी दिल्ली, नौ फरवरी (भाषा) झारखंड में कोयले की खदानों के आवंटन में कथित अनियमितताओं की जांच के सिलसिले में धनशोधन रोधी कानून के तहत एक बायोमास ऊर्जा संयंत्र, दो ताप विद्युत संयंत्र तथा पश्चिम बंगाल और झारखंड में भूखंड समेत 1,621 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को यह जानकारी दी।
कॉरपोरेट इस्पात एलॉयज लिमिटेड (सीआईएएल) नामक एक कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिसे झारखंड के लातेहार जिले में चित्तरपुर कोयला ब्लॉक आवंटित किया गया था।
ईडी ने एक वक्तव्य में कहा, “धन शोधन निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत कुर्क की गयी संपत्ति में एक बायोमास ऊर्जा संयंत्र, दो ताप विद्युत संयंत्र, एक फेरो एलॉय प्लांट और डायरेक्ट रिड्यूस्ड आयरन प्लांट के अलावा पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर और झारखंड के सरायकेला में स्थित भूखंड शामिल हैं।”
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का यह मामला सीआईएएल, उसके प्रवर्तकों और अन्य के खिलाफ कोयला ब्लॉक प्राप्त करने में कथित आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक कदाचार के लिए सीबीआई की जनवरी, 2016 की प्राथमिकी पर आधारित है।
ईडी ने कहा कि जांच में पाया गया कि कंपनी ने तथ्यों को गलत तरीके से पेश करके “धोखाधड़ी से” चित्तरपुर कोयला ब्लॉक प्राप्त किया।
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