नयी दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा) चलन से बाहर कर दिये गए नोट नक्सलियों से छत्तीसगढ़ के एक व्यक्ति के कथित तौर पर लेने से जुड़े एक मामले में धनशोधन कानून के तहत 29 लाख रुपये से अधिक की कृषि भूमि कुर्क की गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को यह कहा।
ईडी ने एक बयान में कहा कि कुर्क की गई भूमि वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्य के राजनांदगांव जिले में स्थित है, जो अश्विनी वर्मा और उसके छोटे भाई तामेश वर्मा के नाम पर है।
केंद्रीय एजेंसी ने कहा, ‘‘अश्विनी वर्मा ने (नवंबर 2016 में) चलन से बाहर कर दिये गये नोट नक्सलियों से लिये थे और इसे अनाज तथा कृषि उत्पादों की खरीद के बदले में विभिन्न व्यक्तियों/किसानों को दिये थे।’’
ईडी ने कहा कि अश्विनी ने अनाज और कृषि उत्पादों को बाद में बेच दिया और इससे प्राप्त धन से राजनांदगांव में 29,75,000 रुपये में एक कृषि भूमि खरीदी थी। एजेंसी ने कहा कि इस कृषि भूमि को अब धन शोधन रोकथाम कानून के तहत एक अस्थायी आदेश जारी कर कुर्क कर लिया गया।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2016 में 1,000 रुपये और 500 रुपये मूल्य के (पुराने) नोट को चलन से बाहर करने की घोषणा की थी।
भाषा सुभाष मनीषा
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