नयी दिल्ली, आठ अप्रैल (भाषा) तमिलनाडु सरकार और इसके विपणन निगम टीएएसएमएसी ने सरकारी शराब खुदरा विक्रेता पर हाल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा की गई कार्रवाई के खिलाफ अपनी याचिकाओं को मद्रास उच्च न्यायालय से किसी अन्य उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने की याचिका मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से वापस ले ली।
संक्षिप्त सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा कि इन मुद्दों पर निर्णय मद्रास उच्च न्यायालय को करना चाहिए।
पीठ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के 1956 के फैसले ने तलाशी और जब्ती पर कानूनी मुद्दे को सुलझा दिया है।
सीजेआई ने कहा, “मद्रास उच्च न्यायालय को इस पर फैसला करने दीजिए। हम यहां हैं…आप बाद में यहां आ सकते हैं। पत्रकारों के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट जब्त करने का मामला अलग है। वहां निजता की सीमा अधिक है। मद्रास उच्च न्यायालय को इस पर विचार करना चाहिए।”
इसके बाद राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने याचिकाओं को वापस लेने का फैसला किया।
पीठ ने राज्य और तमिलनाडु राज्य विपणन निगम (टीएएसएमएसी) को याचिकाएं वापस लेने की अनुमति देते हुए उन्हें वापस लिया हुआ मानते हुए खारिज कर दिया।
शीर्ष अदालत ने 4 अप्रैल को राज्य सरकार और टीएएसएमएसी की स्थानांतरण की मांग वाली याचिकाओं को सूचीबद्ध करने पर विचार करने पर सहमति व्यक्त की थी।
भाषा
प्रशांत नेत्रपाल
नेत्रपाल
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