scorecardresearch
Friday, 19 April, 2024
होमदेशSC में चुनाव आयोग के वकील ने दिया इस्‍तीफा, कहा- मेरी नैतिकता, कामकाज के अनुरूप नहीं

SC में चुनाव आयोग के वकील ने दिया इस्‍तीफा, कहा- मेरी नैतिकता, कामकाज के अनुरूप नहीं

अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए एक पत्र में एडवोकेट मोहित डी राम ने लिखा कि चुनाव आयोग की सेवा करना एक सम्मान की बात है, लेकिन चुनाव आयोग की वर्तमान कार्यप्रणाली उनके मूल्यों के अनुरूप नहीं थी.

Text Size:

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में निर्वाचन आयोग का प्रतिनिधित्व कर रहे पैनल के अधिवक्ता मोहित डी राम ने इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि उनके मूल्य चुनाव आयोग के मौजूदा कामकाज के अनुरूप नहीं हैं.

मोहित डी राम, जिन्होंने 2013 में इस पद को संभाला था, ने विधि आयोग के निदेशक को पत्र लिखकर अपने फैसले से अवगत कराया.

भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) का प्रतिनिधित्व करना एक सम्मान था. मेरे पास अपने कैरियर का यह मील का पत्थर है. यह यात्रा चुनाव आयोग के स्थायी काउंसिल के कार्यालय का हिस्सा होने के साथ शुरू हुई और ईसीआई (2013 से) पैनल वकीलों में से एक के रूप में मैंने काम किया और इस तरह यह आगे बढ़ी.

हालांकि, मैंने पाया है कि मेरे मूल्य ईसीआई के वर्तमान कामकाज के अनुरूप नहीं हैं और इसलिए मैंने भारत के सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष अपने पैनल के वकील की जिम्मेदारियों से खुद को हटा लिया है.


यह भी पढ़ें : छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री ने कुबूला, ‘नहीं पता था चार गुना ज्यादा भारी होगी कोविड की दूसरी लहर’

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें


आयोग के एक प्रवक्ता के अनुसार, राम को 2019 के बाद से चुनाव आयोग के किसी भी केस को नहीं दिया गया था.

इस बीच, अधिवक्ता ने दिप्रिंट को बताया कि उनके पास पत्र में लिखी गई बात के अलावा कुछ जोड़ने के लिए नहीं है.

चुनाव आयोग पर सवाल

राम का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब चुनाव आयोग न्यायपालिका सहित कई जगहों से आलोचना के सुन रहा है.

पिछले हफ्ते, मद्रास उच्च न्यायालय ने पाया कि चुनाव आयोग पर हत्या के आरोप लगाने चाहिए और राजनीतिक दलों को कोविड -19 प्रोटोकॉल के सख्त दुरुपयोग से रोकने में पिछले कुछ महीनों में सबसे गैर जिम्मेदार था.

]देश में बिगड़ी कोविड -19 स्थिति का जिक्र करते हुए अदालत ने यह भी कहा था कि आयोग आज के हालात के लिए जिम्मेदार एकमात्र संस्था है.

चुनाव आयोग ने इस तरह की मौखिक टिप्पणियों की रिपोर्टिंग पर मीडिया को चुप कराने के लिए अदालत में एक दलील के साथ जवाब दिया, जिसे मद्रास उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था.

उन्होंने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसने मीडिया को चुप कराने से भी इनकार कर दिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि अदालती कार्यवाही पर मीडिया रिपोर्टिंग सार्वजनिक जांच को बढ़ाती है और यह संस्थागत पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)

share & View comments