नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) देश-विदेश में सोशल मीडिया कंपनियों के काम करने के तौर-तरीकों पर चर्चा के बीच सरकार से जुड़े सूत्रों ने कहा है कि इन मंचों की गंभीर जवाबदेही होनी चाहिए और उन्हें स्थानीय कानूनों का पालन करना चाहिए भले ही उनका स्वामित्व कहीं का भी हो।
सूत्रों ने कहा कि वैश्विक स्तर पर भी ‘पूरी तरह से सुरक्षित ठिकानों’ की अवधारणा का अस्तित्व अब समाप्त हो गया है।
उन्होंने कहा ‘सुरक्षित ठिकानों’ के बारे में चर्चाओं का महत्व ऐसे समय अधिक हो जाता है जब भारत डेटा सुरक्षा, सोशल मीडिया जवाबदेही, सुरक्षित इंटरनेट और साइबर सुरक्षा जैसे पहलुओं को शामिल करते हुए सोशल मीडिया मंचों के लिए एक मजबूत ढांचा तैयार करते हुए सख्त रुख अपना रहा है।
सूत्रों ने कहा कि विश्व अब पूरी तरह से सुरक्षित ठिकानों की अवधारणा पर सवाल उठाने से दूर जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया मंच नये तौर-तरीकों के साथ आगे बढ़ रहे है और इसी तरह के कानून भी तैयार हुए हैं और एक नए कानूनी ढांचे का उद्देश्य विभिन्न पहलुओं को समग्र रूप से तैयार करना है।
उन्होंने कहा कि भारत भी सोशल मीडिया मंचों के लिए तेजी से कानून लाने वाले ऑस्ट्रेलिया और यूरोप की तरह आगे बढ़ रहा है।
सूत्रों ने एलन मस्क के हाल में ट्विटर को खरीदने के समझौते पर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विचार को लेकर कहा कि देश के पास अपना कानून है, जो सोशल मीडिया कंपनी के स्वामित्व पर निर्भर नहीं है।
भाषा जतिन अजय
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