नयी दिल्ली, 28 अप्रैल (भाषा) संसद की एक समिति ने बृहस्पतिवार को गूगल, अमेजन, फेसबुक, ट्विटर समेत अन्य प्रौद्योगिकी कंपनियों के प्रतिस्पर्धी गतिविधियों पर चर्चा को लेकर उनके प्रतिनिधियों को तलब करने का निर्णय किया है। गैर-प्रतिस्पर्धी आचरण को लेकर कई प्रमुख वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों के खिलाफ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की जांच के बीच समिति ने यह कदम उठाया है।
वित्त पर संसद की स्थायी समिति की अगली बैठक 12 मई को होने की संभावना है।
समिति के सदस्यों ने सीसीआई द्वारा इस बारे में रखी गयी बातों पर विस्तार से चर्चा की।
नियामक ने समिति से कहा कि वह ‘डिजिटल बाजार और आंकड़ा इकाई’ गठित कर रहा है। इसका उद्देश्य बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों की गैर-प्रतिस्पर्धी गतिविधियों से प्रभावी तरीके से निपटना तथा सीसीआई कानून में संशोधन को लेकर नया विधेयक लाना है।
प्रतिस्पर्धा आयोग ने गूगल, फेसबुक- व्हाट्सएप, एप्पल, अमेजन, फ्लिपकार्ट, मेक माई ट्रिप-गो इबिबो, स्विगी और जोमैटो समेत डिजिटल इकाइयों की जांच का जिक्र किया।
यह बैठक बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों और प्रौद्योगिकी मंचों की कथित गतिविधियों को लेकर भारत समेत दुनिया के विभिन्न देशों में बढ़ रही चिंता के बीच हुई है। ऐसा माना जा रहा है कि इन कंपनियों के आचरण से बाजार में प्रतिस्पर्धा पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
बैठक के बारे में समिति के चेयरमैन जयंत सिन्हा ने पीटीआई-भाषा से कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी तथा प्रतिस्पर्धा आयोग कि अधिकारियों के साथ अच्छी चर्चा हुई है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस मुद्दे पर अगली बैठक में हम सभी बड़ी प्रौद्योगिकी कंपनियों को उनकी राय जानने के लिये बुलाएंगे…।’’
सिन्हा ने कहा, ‘‘हम सभी प्रमुख कंपनियों…गूगल, अमेजन, फेसबुक, ट्विटर, अमेजन, माइक्रोसॉफ्ट समेत अन्य कंपनियों को आमंत्रित करने जा रहे हैं। दुनियाभर में डिजिटल बाजार से जुड़ी चुनौतियों का सामना करने के लिये प्रतिस्पर्धा कानून विकसित हो रहे हैं।’’
भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सिन्हा ने कहा कि समिति इन कंपनियों की प्रतिस्पर्धी गतिविधियों के बारे में चर्चा करेगी।
सूत्रों के अनुसार, भाजपा सदस्य सीएम रमेश ने सीमेंट कंपनियों के बीच साठगांठ का मुद्दा प्रतिस्पर्धा आयोग के अधिकारियों के समक्ष उठाया। इस बारे में उनके जवाब अगली बैठक में आने की उम्मीद है।
समिति ने मौजूदा प्रतिस्पर्धा कानून पर भी चर्चा की।
भाषा
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हमारी अगली सुनवाई (इस मुद्दे पर) में, हम अधिकांश प्रमुख तकनीकी कंपनियों को उनके दृष्टिकोण को सुनने के लिए बुलाएंगे और डिजिटल स्पेस से जुड़ी जरूरतों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए भारत में प्रतिस्पर्धा कानून कैसे विकसित हो रहा है।
रमण अजय
अजय
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