नयी दिल्ली, 20 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि लंबे समय तक घरेलू मुद्रा में कमजोरी देशहित के लिए हानिकारक है। इसके साथ ही उन्होंने इस दलील को भी खारिज कर दिया कि रुपये के अवमूल्यन से देश का निर्यात बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि भारत के लिए निर्यात बढ़ाना और विदेशी निवेश को प्रोत्साहित करना विदेशी मुद्रा के प्रवाह के लिए महत्वपूर्ण है।
गोयल ने 15वें सिविल सेवा दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘एक बड़ा वर्ग है जो मानता है कि आपको अपनी मुद्रा का अवमूल्यन करने की आवश्यकता है ताकि आप निर्यात बाजार में प्रतिस्पर्धी बन सकें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने अनुभव और उद्योग के एक वर्ग के साथ अपनी चर्चाओं के माध्यम से आपको आश्वस्त करता हूं कि घरेलू मुद्रा में गिरावट और कमजोरी वास्तव में देशहित के लिए अच्छी नहीं है।’’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रुपये में कमजोरी आयात की लागत बढ़ाती है। इससे देश में मुद्रास्फीति भी बढ़ेगी जिससे ब्याज दर बढ़ेगी और यह घरेलू उत्पादों की प्रतिस्पर्धा को कम करेगा, क्योंकि भारत कच्चे माल के लिए आयात पर निर्भर है।
उन्होंने कहा कि स्वस्थ निर्यात, निवेश और विदेश से प्रेषण से विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने में मदद मिलती है, जो कि 600 अरब डॉलर से अधिक का है।
भाषा जतिन अजय
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