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Sunday, 17 November, 2024
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मोदी सरकार में मजदूरों के वेतन में ‘अभूतपूर्व गिरावट’, इंडिया गठबंधन में होगी उच्च वृद्धि: कांग्रेस

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नयी दिल्ली, 21 अप्रैल (भाषा) कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के कार्यकाल में महंगाई को समायोजित करने के बाद मजदूरों के वेतन में ”अभूतपूर्व गिरावट” हुई है।

पार्टी ने कहा कि इंडिया गठबंधन सरकार देश को उच्च वृद्धि पथ पर वापस ले जाएगी।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार के अपने आधिकारिक आंकड़ों सहित आंकड़ों के कई स्रोत एक मत से इस तथ्य को दर्शाते हैं कि श्रमिकों की खरीद क्षमता आज 10 साल पहले की तुलना में आज कम है।

उन्होंने एक बयान में कहा कि धीमी वेतन वृद्धि और कमरतोड़ महंगाई के चलते वास्तविक मजदूरी में अभूतपूर्व गिरावट हुई है।

उन्होंने कहा, ”श्रम ब्यूरो का वेतन दर सूचकांक (सरकारी आंकड़ा) के अनुसार 2014 और 2023 के बीच, मजदूरों के लिए वास्तविक मजदूरी स्थिर रही है। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में वास्तविक मजदूरी में स्पष्ट रूप से गिरावट आई है।”

रमेश ने यह भी बताया कि कृषि मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में कृषि मजदूरों की वास्तविक मजदूरी हर साल 6.8 प्रतिशत बढ़ी।

उन्होंने कहा, ”प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में कृषि मजदूरों की वास्तविक मजदूरी हर साल 1.3 प्रतिशत घटी है।”

उन्होंने एक बयान में कहा, ”आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण श्रृंखला (सरकारी आंकड़ा): 2017 और 2022 के बीच सभी प्रकार के रोजगारों – वेतनभोगी श्रमिकों, आकस्मिक श्रमिकों और स्व-नियोजित श्रमिकों की औसत वास्तविक आय स्थिर रही है।”

सेंटर फॉर लेबर रिसर्च एंड एक्शन के आंकड़ों का हवाला देते हुए रमेश ने कहा कि ईंट भट्ठा श्रमिकों की वास्तविक मजदूरी 2014 और 2022 के बीच स्थिर है या घटी है।

उन्होंने कहा कि एनएसएसओ के उपभोग व्यय सर्वेक्षण से पता चलता है कि स्थिर वास्तविक मजदूरी ने उपभोग वृद्धि को कम कर दिया है। लगभग 50 वर्षों में पहली बार ग्रामीण उपभोग में गिरावट दिखाई गई।

रमेश ने कहा कि धीमी होती खपत वृद्धि और बढ़ते डर के कारण, निजी क्षेत्र के पास अब अर्थव्यवस्था में निवेश करने के लिए कोई प्रोत्साहन नहीं है।

बयान में कहा गया, ”भारत में निवेश ऐतिहासिक रूप से निम्न स्तर पर पहुंच गया है, जिससे हमारी दीर्घकालिक वृद्धि को खतरा है। संप्रग के कार्यकाल में जीडीपी के प्रतिशत के रूप में निवेश (10-वर्षीय औसत) 33.4 प्रतिशत था, लेकिन मोदी के कार्यकाल में यह केवल 28.7 प्रतिशत है।”

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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