नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) सरकार ने कच्चे जूट के लिए 6,500 रुपये प्रति क्विंटल की मूल्य सीमा मनमाने तरीके से नहीं, बल्कि वैज्ञानिक आधार पर तय की है, जो उस समय के बाजार रुख के अनुरूप है। सूत्रों ने मंगलवार को यह बात कही।
जूट आयुक्त कार्यालय ने कच्चे जूट के लिए 30 सितंबर, 2021 को 2021-22 के लिए 6,500 रुपये प्रति क्विंटल की ऊपरी सीमा तय की थी।
सूत्रों ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल सरकार ने दिसंबर, 2020 में कच्चे जूट की कीमत की ऊपरी सीमा 6,000 रुपये प्रति क्विंटल तय करने की सिफारिश की थी, जो जूट आयुक्त कार्यालय द्वारा निर्धारित 6,500 रुपये प्रति क्विंटल की ऊपरी सीमा से कम है।’’
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और सांसद अर्जुन सिंह ने पश्चिम बंगाल के जूट उद्योग की ‘उपेक्षा’ करने का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कच्चे जूट की मूल्य सीमा के मुद्दे को जल्द से जल्द हल नहीं करने की स्थिति में सड़क पर उतरने की धमकी भी दी है।
सूत्रों ने बताया कि अभी तक किसी भी किसान या किसान निकाय ने मौखिक या लिखित रूप से मूल्य निर्धारण पर कोई विरोध या आपत्ति दर्ज नहीं कराई है।
उन्होंने कहा कि ऊपरी मूल्य सीमा में छूट से केवल दूसरे पक्षों को अनुचित वित्तीय लाभ मिलेगा और इससे किसानों को कोई फायदा नहीं होगा।
भाषा जतिन अजय
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