नयी दिल्ली, 22 अप्रैल (भाषा) निष्पक्ष व्यापार निगरानी संस्था सीसीआई ने कृत्रिम मेधा और प्रतिस्पर्धा पर उसके प्रभाव पर एक विस्तृत बाजार अध्ययन करने के लिए संस्थाओं से सोमवार को प्रस्ताव आमंत्रित किए।
अध्ययन के संचालन के लिए एक एजेंसी/संस्था को संलग्न करने के लिए प्रस्ताव के लिए अनुरोध (आरएफपी) दस्तावेज़ जारी करते हुए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने कहा कि एआई की परिवर्तनकारी क्षमताओं में जहां एक ओर आपूर्ति व मांग बढ़ाने की क्षमता है। वहीं दूसरी ओर इसके इस्तेमाल से उत्पन्न होने वाले संभावित प्रतिस्पर्धा जोखिम चिंता का विषय हैं।
प्रस्ताव जमा करने की अंतिम तारीख तीन जून है। संस्थाओं द्वारा तकनीकी प्रस्तुतियों के बाद, वित्तीय बोली की अंतिम तिथि 28 जून है।
‘कृत्रिम बुद्धिमत्ता व प्रतिस्पर्धा’ पर प्रस्तावित बाजार अध्ययन ऐसे समय में किया जा रहा है जब उद्योगों में एआई के बढ़ते इस्तेमाल ने बाजारों में प्रतिस्पर्धी गतिशीलता के लिए इसके निहितार्थ को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं।
सीसीआई के चेयरमैन रवनीत कौर ने हाल ही में ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा था कि एआई व मशीन लर्निंग दक्षता तथा नवाचार को बढ़ा सकती है, लेकिन बाजार की एकाग्रता और संभावित प्रतिस्पर्धा-विरोधी व्यवहार से संबंधित चिंताओं को भी जन्म दे सकती हैं।
सीसीआई को प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और बाज़ार में प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं पर अंकुश लगाने का अधिकार है।
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