मुंबई, 22 अप्रैल (भाषा) देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी टीसीएस ने दुनिया की अग्रणी सूचना प्रौद्योगिकी सेवा प्रदाता बनने का लक्ष्य रखते हुए शुक्रवार को कहा कि उसे बड़े पैमाने पर होने वाले अपने परिचालन से इस आकांक्षा के बाधित होने का ‘डर’ नहीं है।
टाटा समूह की कंपनी टीसीएस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक राजेश गोपीनाथन ने ‘टाइम्स नेटवर्क’ के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कंपनी के अपने मौजूदा स्तर से दोगुना, तिगुना या चौगुना होने की आकांक्षा न पालने की कोई भी वजह नहीं है।
फिलहाल टीसीएस का राजस्व आधार 25 अरब डॉलर है और उसके साथ छह लाख कर्मचारी जुड़े हुए हैं।
गोपीनाथन ने कहा, ‘बैंकिंग, वित्तीय सेवा एवं बीमा क्षेत्र को आईटी सेवाएं देने वाली सबसे बड़ी कंपनी का वैश्विक बाजार पूंजीकरण में भी शीर्ष पर पहुंचने का इरादा है। सवाल यह है कि हमें इस मुकाम तक पहुंचने के लिए क्या करना चाहिए? लेकिन मौके बेशुमार हैं। मांग एवं आपूर्ति दोनों ही मोर्चों पर हम अच्छी हालत में हैं।’
उन्होंने कहा, ‘हमारी आकांक्षा को किसी भी तरह मौजूदा स्थिति की राह से नहीं बंधना चाहिए। हमें अपने मौजूदा स्तर से नए मानक स्थापित करने की चाह रखनी चाहिए। आगे जाने की बहुत गुंजाइश बची हुई है।’
टीसीएस प्रमुख का यह बयान इस लिहाज से काफी अहम है कि टाटा समूह की कंपनी एक्सेंचर को पीछे छोड़ने की तैयारी में है। कुछ सप्ताह पहले ही टीसीएस ने कहा था कि वह वर्ष 2030 तक 50 अरब डॉलर का राजस्व आंकड़ा छूना चाहती है।
अपने छह लाख कर्मचारियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘हमारा ध्यान इस पर है कि हम अपने बड़े आकार का किस तरह से प्रबंधन कर पाएं ताकि उसका फायदा उठा सकें।’
उन्होंने कर्मचारियों के नौकरी छोड़ने की दर को करीब 17 फीसदी बताते हुए कहा कि ऐसा प्रतिभाओं की ज्यादा मांग होने से हो रहा है। इसके बावजूद यह कुछ कंपनियों में नौकरी छोड़ने की 20 फीसदी की दर से कम ही है।
भाषा
प्रेम रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.