मुंबई, 11 मई (भाषा) टायर कंपनियों का पूंजीगत व्यय मांग में मजबूती के चलते चालू वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर 5,000 करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है।
रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में यह संभावना जताते हुए कहा कि इससे पिछले दो वित्त वर्ष में टायर विनिर्माता कंपनियों का पूंजीगत व्यय प्रतिवर्ष 3,700 करोड़ रुपये के करीब था।
क्रिसिल की रिपोर्ट के अनुसार पुराना टायर बदलने, यात्री और वाणिज्यिक वाहनों की श्रेणी के साथ निर्यात में मजबूती से टायर की मांग में वृद्धि हो सकती है।
एजेंसी ने कहा कि यह रिपोर्ट टायर बनाने वाली छह कंपनियों के विश्लेषण पर आधारित है। इन कंपनियों की टायर उद्योग में 75,000 करोड़ रुपये के कारोबार के साथ 80 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
रिपोर्ट में कहा गया कि क्षमता उपयोग हालांकि अभी भी 70 से 75 प्रतिशत के स्तर से नीचे है और इस वित्त वर्ष में टायर कंपनियों का पूंजीगत व्यय 2018 और 2020 के बीच लगभग 6,200 करोड़ रुपये के वार्षिक औसत से कम होगा।
भाषा जतिन अजय
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