नयी दिल्ली, 24 अप्रैल (भाषा) सरकार ने चीनी मिलों को चालू वित्त वर्ष में इथेनॉल बनाने के लिए कच्चे माल के तौर पर 6.7 लाख टन बी-हेवी शीरे का उपयोग करने की मंजूरी दे दी है। खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
पिछले साल सात दिसंबर को बी-हेवी शीरे के उपयोग पर प्रतिबंध लगने से पहले चीनी मिलों के पास बी-हेवी शीरे (चीनी का एक उपोत्पाद) का अतिरिक्त स्टॉक मौजूद था।
हालांकि सरकार ने उसके एक हफ्ते बाद ही प्रतिबंध को उलटते हुए गन्ने के रस और बी-हेवी शीरे के उपयोग की अनुमति दे दी थी। लेकिन यह मंजूरी चीनी विपणन सत्र 2023-24 में इथेनॉल उत्पादन के लिए 17 लाख टन चीनी के इस्तेमाल की कुल सीमा के साथ दी गई थी।
अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमने चीनी मिलों को इथेनॉल के लिए चीनी मिलों के पास पड़े बी-हेवी शीरे का उपयोग करने की अनुमति दे दी है। इस बारे में पेट्रोलियम मंत्रालय को सूचित कर दिया गया है।’’
उन्होंने कहा कि इथेनॉल उत्पादन के लिए 17 लाख टन चीनी की निर्धारित उपयोग सीमा के अलावा यह मंजूरी होगी।
राज्यों के गन्ना आयुक्तों के मुताबिक, वर्तमान में चीनी मिलों के पास 6.7 लाख टन बी-हेवी शीरे का स्टॉक मौजूद है।
यह कदम इथेनॉल उत्पादन के लिए बी-हेवी शीरे के उपयोग की अनुमति देने और चीनी मिलों के वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए खाद्य मंत्रालय को उद्योग की ओर से की गई मांग के बाद उठाया गया है।
पेराई का काम खत्म होने के बाद चीनी उद्योग ने इथेनॉल बनाने के लिए बी-हेवी शीरे का भंडारण किया है। लेकिन सरकार ने अचानक इस पर प्रतिबंध लगाते हुए इसकी सीमा तय कर दी थी।
मौजूदा सत्र में चीनी का उत्पादन 315-320 लाख टन के बीच होने का अनुमान है, जिसमें 17 लाख टन का डायवर्जन शामिल नहीं है।
भाषा राजेश राजेश प्रेम
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