नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) सरकार ने सोमवार को जोर देते हुए कहा कि ‘सीएमपीडीआई’ कोल इंडिया लिमिटेड की अनुषंगी बनी रहेगी और वह इसका मिनरल एक्सप्लोरेशन कॉर्प लिमिटेड (एमईसीएल) के साथ विलय करने पर विचार कर रही है।
सरकार की तरफ से यह बयान दरअलस सेंट्रल माइन प्लानिंग एंड डिजाइन इंस्टिट्यूट (सीएमपीडीआई) के एमईसीएल के साथ विलय करने के प्रस्ताव पर आगे बढ़ने की खबरों के बीच आया है।
कोयला मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘अन्य खनिजों में अपने व्यापार विस्तार की गुंजाइश को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सीएमपीडीआई को मजबूत करने की योजना बनाई है। इसके लिए एमईसीएल के सीएमपीडीआई में विलय करने पर विचार किया जा रहा है।’’
मंत्रालय के अनुसार, एमईसीएल के पास गैर-कोयला खनिज खोज और परामर्श में विशेषज्ञता है। इस तरह का विलय कोयला और गैर-कोयला क्षेत्र के लिए आवश्यक विशेषज्ञता के साथ एकीकृत खोज को बढ़ावा देगा।
बयान में कहा गया, ‘‘साथ ही सीएमपीडीआई कोल इंडिया इकाई बनी रहेगी।’’
सीएमपीडीआई दरअसल कोल इंडिया की योजना और डिजाइन इकाई है।
इससे पहले खान मंत्रालय ने सीएमपीडीआई और एमईसीएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक को इस संबंध मे पत्र भी लिखा था।
पत्र में विलय की तैयारी के लिए दोनों कंपनियों की लाभप्रदता, आय, वर्तमान ऑर्डर संख्या तथा कर्मचारियों की वर्तमान स्थिति का विवरण मांगा गया है।
भाषा जतिन
अजय
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