नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की गोवा इकाई ने राज्य सरकार से उन सभी खदान श्रमिकों को 15,000 रुपये प्रति माह का भुगतान करने का आग्रह किया है जो खनन गतिविधियां बंद होने के कारण नौकरी गंवाने के कगार पर खड़े हैं।
उच्चतम न्यायालय ने गोवा में 88 कंपनियों को दिए गए लौह अयस्क खनन पट्टों के नवीनीकरण को रद्द कर दिया था। इसके बाद वर्ष 2018 में गोवा में खनन कार्य पूरी तरह से ठप हो गया था।
गोवा सरकार ने हाल ही में उन 88 खदानों के पट्टाधारकों को लौह अयस्क खदानों से अपनी मशीनरी और उपकरण हटाने के लिए नोटिस जारी किया है।
एटक ने गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को प्रेषित एक ज्ञापन में कहा, ‘‘यदि खनन श्रमिकों को बर्खास्तगी या छंटनी का सामना करना पड़ता है तो उनकी बेरोजगारी, आजीविका और उनके परिवारों के अस्तित्व का सवाल काफी गंभीर मामला होगा, जिसके बारे में राज्य सरकार को चिंतित होना चाहिए।’’
श्रमिक संगठन के अनुसार, कई खनन लीज-होल्डिंग कंपनियों ने पहले ही श्रमिकों से कहा है कि हाल के सरकारी आदेश के कारण उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी।
एटक ने मुख्यमंत्री को दिए अपने ज्ञापन में राज्य में वैज्ञानिक और टिकाऊ तरीके से खनन कार्यों को तत्काल फिर से शुरू करने की मांग की है।
ट्रेड यूनियन ने राज्य सरकार से उन सभी खनन श्रमिकों को 15,000 रुपये प्रति माह का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए धन आवंटित करने की भी अपील की है जो अपनी नौकरी खोने की कगार पर खड़े हैं।
एटक ने कहा कि भले ही मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि राज्य के स्वामित्व वाले खनन निगमों द्वारा जल्द ही लौह अयस्क खनन शुरू किया जाएगा, लेकिन आज तक इस मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है।
नई नीलामी की स्थिति में, एटक ने सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि नए पट्टाधारक मौजूदा खनन श्रमिकों को उनके अंतिम वेतन और सेवाओं पर अपना रोजगार जारी रखने की अनुमति दें।
भाषा राजेश राजेश प्रेम
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