नयी दिल्ली, 25 अप्रैल (भाषा) वाणिज्य मंत्रालय ने बुनियादी ढांचे की जरूरतों, संभावित क्षेत्रों और संकुलों को चिह्नित करने के लिए काम शुरू किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को कहा कि इससे देश को 2030 तक एक लाख करोड़ डॉलर के वस्तु निर्यात लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
वाणिज्य विभाग में अतिरिक्त सचिव अनंत स्वरूप ने कहा कि एशियाई विकास बैंक (एडीबी) से इस संबंध में अध्ययन करने का आग्रह किया गया है।
उन्होंने उद्योग मंडल सीआईआई के एक कार्यक्रम में कहा कि यदि देश 2030 तक एक लाख करोड़ डॉलर के निर्यात का लक्ष्य बना रहा है, तो लगभग 1.5 लाख करोड़ डॉलर के आयात की संभावना है। ऐसे में 2.5 लाख करोड़ डॉलर के निर्यात और आयात को पूरा करने के लिए ‘क्या हमारे पास पर्याप्त क्षमता है।’
स्वरूप ने कहा कि विभाग इसी लक्ष्य पर काम कर रहा है।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “एडीबी हमारे लिए एक अध्ययन कर रहा है क्योंकि जो अधिक महत्वपूर्ण है वह यह है कि एक लाख करोड़ डॉलर का निर्यात कहां से आने वाला है, वे कौन से क्षेत्र और संकुल हैं जहां से एक लाख करोड़ डॉलर का निर्यात होने वाला है। यह हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने कहा, “क्योंकि जब तक हम उन संकुलों, बंदरगाहों या हवाई अड्डों के बारे में नहीं जानते जहां से एक लाख करोड़ डॉलर का निर्यात और 1.5 लाख करोड़ डॉलर का आयात होने वाला है, हम मौजूद कमियों की पहचान करने और फिर अपनी बुनियादी ढांचा क्षमताओं को बढ़ाने के लिए आधारभूत अध्ययन नहीं कर सकेंगे।”
बीते वित्त वर्ष (2023-24) में भारत का वस्तु निर्यात 3.11 प्रतिशत घटकर 437 अरब डॉलर रहा। इस दौरान आयात भी घटकर 677.24 अरब डॉलर पर रहा।
भाषा अनुराग रमण
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