नयी दिल्ली, 10 मई (भाषा) देश में बिजली संकट के बीच कोयला आधारित बिजली का उत्पादन अप्रैल, 2022 में सालाना आधार पर 9.26 प्रतिशत बढ़कर 10,025.9 करोड़ यूनिट पर पहुंच गया।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, ताप बिजलीघरों का बिजली उत्पादन एक साल पहले के इसी महीने में 9,383.8 करोड़ यूनिट था।
कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में बिजली का उत्पादन अप्रैल, 2022 में इससे पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना में 9.26 प्रतिशत बढ़ा है। यह मार्च, 2022 के मुकाबले 2.25 प्रतिशत अधिक है।
इसके अलावा ताप बिजलीघरों का बिजली उत्पादन अप्रैल, 2022 में मार्च के 10,027.6 करोड़ यूनिट के उत्पादन के मुकाबले 2.25 प्रतिशत अधिक रहा है।
आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में बिजली का ‘कुल’ उत्पादन सालाना आधार पर 11.75 प्रतिशत बढ़कर 13,656.5 करोड़ यूनिट पर पंहुच गया, जो इससे पिछले वर्ष के इसी महीने में 12,220.9 करोड़ यूनिट था।
इससे पहले कोयला मंत्रालय ने कहा था कि वर्तमान बिजली संकट का मुख्य कारण घरेलू कोयले की अनुपलब्धता नहीं, बल्कि विभिन्न ईंधन स्रोतों से बिजली उत्पादन में तेज गिरावट है।
पीटीआई-भाषा को दिए एक साक्षात्कार में कोयला सचिव ए के जैन ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में तेजी आने के कारण बिजली की मांग बढ़ना, इस साल गर्मियां जल्दी शुरू होना, गैस एवं आयातित कोयलों की कीमतों में बढ़ोतरी और तटीय ताप विद्युत संयंत्रों के बिजली उत्पादन का तेजी से गिरना जैसे कारक इसके लिए जिम्मेदार रहे हैं।
उन्होंने कहा कि देश में कुल बिजली आपूर्ति बढ़ाने के लिए पहले से ही कई उपाय किए जा रहे हैं।
भाषा जतिन अजय
अजय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.