वाशिंगटन, 10 जून (भाषा) विश्व बैंक ने मंगलवार को वैश्विक अनिश्चितताओं के कारण निर्यात पर बने दबाव के बावजूद वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को 6.3 प्रतिशत पर बरकरार रखा। इसके साथ ही भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख र्थव्यवस्था बना रहेगा।
विश्व बैंक ने अप्रैल में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत के वृद्धि अनुमान को घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया था, जो जनवरी में 6.7 प्रतिशत था।
विश्व बैंक की ताजा वैश्विक आर्थिक संभावना रिपोर्ट के अनुसार बढ़े हुए व्यापार तनाव और नीति अनिश्चितता के चलते इस साल वैश्विक वृद्धि में गिरावट आने की आशंका है, जो 2008 के बाद से सबसे धीमी गति हो सकती है।
वैश्विक वृद्धि के 2025 में 2.3 प्रतिशत तक धीमा करने का अनुमान लगाया गया है।
रिपोर्ट में कहा गया कि इस उथल-पुथल के कारण सभी क्षेत्रों और आय समूहों में लगभग 70 प्रतिशत अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि पूर्वानुमान में कटौती की गई है।
इसमें भारत के बारे में कहा गया है कि 2024-25 में वृद्धि धीमी हो गई, जो आंशिक रूप से औद्योगिक उत्पादन वृद्धि में नरमी को दर्शाती है। हालांकि, निर्माण और सेवा गतिविधियों में वृद्धि स्थिर रही और ग्रामीण क्षेत्रों में लचीली मांग के कारण कृषि उत्पादन में सुधार हुआ है।
रिपोर्ट में कहा गया, ”भारत के वित्त वर्ष 2025-26 में 6.3 प्रतिशत की दर से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बने रहने का अनुमान है।”
विश्व बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 2025-26 में वृद्धि के पूर्वानुमान को जनवरी के अनुमानों की तुलना में 0.4 प्रतिशत घटा दिया गया है, क्योंकि प्रमुख व्यापारिक साझेदारों में कमजोर गतिविधि और बढ़ती वैश्विक व्यापार बाधाओं के कारण निर्यात में कमी आई है।
विश्व बैंक को उम्मीद है कि चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2025 में 4.5 प्रतिशत और अगले साल चार प्रतिशत प्रतिशत रहेगी।
भाषा पाण्डेय रमण
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