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Monday, 23 December, 2024
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विश्व बैंक ने अपने भारत प्रमुख को एमआईजीए का उपाध्यक्ष नियुक्त किया

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(ललित के झा)

वाशिंगटन, 26 फरवरी (भाषा) भारत में विश्व बैंक के प्रमुख जुनैद कमाल अहमद को वैश्विक ऋणदाता संस्था की एक प्रमुख एजेंसी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है।

अहमद उपाध्यक्ष (संचालन) के रूप में बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी (एमआईजीए) की कमान संभालेंगे। वह विश्व बैंक के इतिहास में इतना ऊंचा पद हासिल करने वाले दूसरे बांग्लादेशी नागरिक हैं। उनसे पहले, फैज चौधरी विश्व बैंक प्रशासन में उपाध्यक्ष के पद पर काबिज होने वाले पहले बांग्लादेशी नागरिक बने थे।

शुक्रवार को जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि 61 वर्षीय अहमद 16 अप्रैल को नया पदभार ग्रहण करेंगे।

बयान के मुताबिक, अहमद अपनी नई भूमिका में पूरे विश्व बैंक समूह में एमआईजीए और वित्तीय संस्थानों, निजी निवेशकों तथा विकास संस्थाओं के बीच साझेदारी को आगे बढ़ाने व उसे विस्तार देने का काम करेंगे।

इसमें बताया गया है कि एमआईजीए के उपाध्यक्ष के रूप में अहमद बेहद अर्थपूर्ण एवं प्रभावी परियोजनाओं की शुरुआत और संचालन करेंगे तथा वह एमआईजीए की विकास परियोजनाओं के लिए निजी क्षेत्र से वित्त जुटाने की संस्था की प्रतिबद्धता को पूरा करने में संचालन टीम का मार्गदर्शन भी करेंगे।

अहमद ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा, “भारत के साथ हमारी (विश्व बैंक की) साझेदारी हमें सीखने और इस सीख को दुनियाभर में साझा करने का मौका दे रही है। सबसे अहम बात यह है कि जब भारत की अर्थव्यवस्था बढ़ती है तो वैश्विक विकास और गरीबी दर पर बहुत उल्लेखनीय प्रभाव पड़ता है।”

अहमद सितंबर 2016 से भारत में विश्व बैंक के निदेशक हैं।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “इस तरह के कार्यक्रम के संचालक के रूप में भारत का कंट्री हेड एक ऐसा शख्स है, जो विश्व बैंक के भीतर नेतृत्व वाली अन्य भूमिकाओं के बारे में सोचना शुरू कर सकता है। भारत में काम करने का मेरा अनुभव मुझे यह दृष्टिकोण और आत्मविश्वास प्रदान करने में बेहद अहम रहा है।”

अहमद के मुताबिक, लंबी अवधि के पूंजी बाजार तैयार करना विकास के वित्तपोषण की दिशा में एक बड़ी चुनौती है।

उन्होंने कहा, “अगर आप विकास के सामने मौजूद चुनौतियों पर नजर दौड़ाएं, फिर चाहे वो महामारी से निपटना हो, जलवायु परिवर्तन से निपटना हो या बुनियादी ढांचे का मामला हो तो आप पाएंगे इन सबके लिए दीर्घकालिक पूंजी की जरूरत है।”

अहमद ने कहा, “जरूरी पूंजी उससे कहीं ज्यादा है, जितना सार्वजनिक वित्त दे सकता है। ऐसे में सारा ध्यान अब इस बात केंद्रित हो गया है कि आप विकास के मामले में दीर्घकालिक पूंजी लाने के लिए सार्वजनिक वित्त का लाभ कैसे उठाते हैं। इसका एक तरीका विकास को जोखिम मुक्त बनाना है।”

विश्व बैंक ने अपने बयान में कहा कि अहमद इस पद पर अंतरराष्ट्रीय विकास के गहरे अनुभव और समझ के अलावा विश्व बैंक समूह के उपभोक्ता देशों के विचारशील नेतृत्व और सेवा का एक अनुकरणीय ट्रैक रिकॉर्ड साथ लेकर आ रहे हैं।

एमआईजीए विश्व बैंक समूह की एक एजेंसी है, जिसका मुख्यालय वाशिंगटन में है। यह राजनीतिक जोखिम बीमा और ऋण वृद्धि गारंटी प्रदान करती है। दोनों सेवाएं विकासशील देशों में राजनीतिक और गैर-व्यावसायिक जोखिमों के मद्देनजर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की रक्षा करने में निवेशकों की मदद करती हैं।

भाषा पारुल पाण्डेय

पाण्डेय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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