रत्नागिरि, 29 मार्च (भाषा) महाराष्ट्र के पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि कोंकण क्षेत्र में अरबों डॉलर की प्रस्तावित रिफाइनरी परियोजना स्थानीय लोगों से विचार-विमर्श और उनकी सहमति के बाद ही बनाई जाएगी।
तटीय रत्नागिरि में लोगों से बात करते हुए पर्यावरण मंत्री ने यह भी कहा कि परियोजना का निर्माण जिले के नानार में नहीं किया जाएगा, जो इसकी मूल जगह है। रिफाइनरी के बारे में (पक्ष और विपक्ष) दो राय हैं। यह नानार में नहीं होने वाला है लेकिन रत्नागिरि में जहां भी इसे लाया जाता है, वहां दो-तीन महत्वपूर्ण बिंदु हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि परियोजना पर चर्चा कर स्थानीय लोगों को भरोसे में लेना है। इसके साथ ही परियोजना प्रभावित लोगों के पुनर्वास और स्थानीय लोगों के साथ-साथ महिलाओं को रोजगार मिले, यह सुनिश्चित करना है।’’
ठाकरे ने कहा, ‘‘अगर उपर्युक्त चीजें लागू होंगी, तभी हम यहां परियोजना लाएंगे।’’
उन्होंने यह भी कहा कि एक कंपनी जो इस क्षेत्र में संयंत्र स्थापित कर रही है, उसे पहले स्थानीय लोगों से बात करनी चाहिए। इसके साथ ही कंपनियों को तथ्य पेश करने चाहिए और लोगों को भरोसे में लेने के बाद ही परियोजना को लागू किया जाना चाहिए।’’
ठाकरे ने कहा, ‘‘मैं यह आश्वासन दे सकता हूं कि हम तभी आगे बढ़ेंगे जब स्थानीय लोग आगे बढेंगे।’’
वहीं, आदित्य के पिता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने रत्नागिरि जिले में रिफाइनरी परियोजना का विरोध किया है। शिवसेना का कहना है कि स्थानीय लोग इस परियोजना के खिलाफ है।
केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को कहा था कि परियोजना के पुनरुद्धार की उम्मीद है क्योंकि महाराष्ट्र सरकार इस बारे में अपना विचार बदल रही है।
उल्लेखनीय है कि लगभग 60 अरब डॉलर की परियोजना का निर्माण सऊदी अरामको और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) द्वारा संयुक्त रूप से किया जाना है।
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