नई दिल्ली: थोक वस्तुओं के दामों में सितंबर की 10.66 की तुलना में अक्टूबर में 12.54 फीसदी का इजाफा हो गया है. जिससे थोक वस्तुओं की कीमत में 1.88 फीसदी अधिक बढ़ोत्तरी हो गई है. इससे खास तौर से विनिर्मित उत्पादों और कच्चे तेल की कीमतों में इजाफा हुआ है.
Wholesale price-based inflation spikes to 12.54 per cent in October, against 10.66 per cent in September: Govt data
— Press Trust of India (@PTI_News) November 15, 2021
थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति अप्रैल से लगातार सातवें महीने दहाई अंक में बनी हुई है. इस साल सितंबर में यह दर 10.66 फीसदी थी, जबकि अक्टूबर 2020 में यह 1.31 फीसदी थी.
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘अक्टूबर 2021 में मुद्रास्फीति की उच्च दर मुख्य रूप से खनिज तेलों, मूल धातुओं, खाद्य उत्पादों, कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस, रसायनों और रासायनिक उत्पादों आदि की कीमतों में पिछले वर्ष के इसी महीने की तुलना हुई बढ़ोतरी के कारण है.’
विनिर्मित वस्तुओं की मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 12.04 प्रतिशत हो गई, जो इससे पिछले महीने 11.41 प्रतिशत थी.
इसी तरह ईंधन और बिजली की मूल्य वृद्धि अक्टूबर में 37.18 प्रतिशत थी, जबकि सितंबर में यह आंकड़ा 24.81 प्रतिशत था.
समीक्षाधीन माह के दौरान कच्चे तेल की मुद्रास्फीति 80.57 प्रतिशत रही, जबकि सितंबर में यह 71.86 प्रतिशत थी.
खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति में भी मासिक आधार पर ऋणात्मक 1.69 प्रतिशत रही, जो सितंबर में ऋणात्मक 4.69 प्रतिशत थी.
महंगाई के विरोध में कांग्रेस का जन जागरण अभियान जारी
वहीं एक दिन पहले कांग्रेस ने महंगाई के खिलाफ देशभर में जनजागरण यात्रा शुरू की है, जो कि 29 नवंबर तक चलेगी. कांग्रेस महंगाई के मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश में है. इसके तहता पार्टी के नेता एवं कार्यकर्ता अलग-अलग इलाकों में पदयात्रा करेंगे तथा वे जनसंवाद एवं दूसरे संपर्क कार्यक्रमों करेंगे.
वहीं उत्तर प्रदेश में सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी अपनी रथयात्रा के दौरान महंगाई को लगातार मुद्दा बना रहे हैं.