नयी दिल्ली, एक मई (भाषा) खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बृहस्पतिवार को कहा कि केंद्र मौजूदा खरीद अभियान के समाप्त होने के बाद सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत गेहूं आवंटन पात्रता बहाली के बारे में समीक्षा करेगा।
कृषि मंत्रालय ने फसल वर्ष 2024-25 (जुलाई-जून) में 11.5 करोड़ टन रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन का अनुमान लगाया है। खाद्य मंत्रालय का लक्ष्य 3.12 करोड टन खरीद करना है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार बंपर फसल को देखते हुए पीडीएस के तहत गेहूं की आपूर्ति पूरी तरह से बहाल करेगी, खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘हमें खरीद खत्म होने तक इंतजार करना होगा। अब तक 256 लाख टन गेहूं खरीदा जा चुका है। खरीद अभियान समाप्त होने के बाद हमें स्पष्ट तस्वीर मिलेगी।’’
सरकार ने वर्ष 2022 में खरीद में उल्लेखनीय गिरावट के बाद पीडीएस के माध्यम से गेहूं की आपूर्ति कम कर दी और इसकी जगह चावल की आपूर्ति की।
यह कटौती वर्ष 2023 और वर्ष 2024 तक जारी रही। आंशिक बहाली अक्टूबर 2024 में शुरू हुई, जिसमें मार्च 2025 तक 35 लाख टन का अतिरिक्त आवंटन किया गया।
सचिव ने कहा कि सरकार ने 30 अप्रैल तक 256.31 लाख टन गेहूं खरीदा है, जो पिछले साल की इसी अवधि के 205.41 लाख टन से 24.78 प्रतिशत अधिक है।
सरकार ने रबी विपणन सत्र 2025-26 के लिए 312 लाख टन का लक्ष्य रखा है।
चोपड़ा ने कहा, ‘‘खरीद अब तक सुचारू और अच्छी रही है। हमें 312 लाख टन के लक्ष्य के करीब पहुंचने की उम्मीद है।’’
गेहूं पर निर्यात प्रतिबंध हटाने के बारे में पूछे जाने पर चोपड़ा ने कहा, ‘‘गेहूं के निर्यात की अनुमति देने के बारे में बात करना जल्दबाजी होगी।’’
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के तहत प्रत्येक लाभार्थी को महीने पांच किलोग्राम खाद्यान्न मिलता है। इस आवंटन में गेहूं-चावल का अनुपात सरकारी भंडार के आधार पर निर्धारित किया जाता है।
तीस अप्रैल तक, पंजाब 103.89 लाख टन के साथ खरीद में सबसे आगे है, उसके बाद मध्य प्रदेश (67.67 लाख टन), हरियाणा (65.67 लाख टन), राजस्थान (11.44 लाख टन) और उत्तर प्रदेश (7.55 लाख टन) का स्थान है।
खरीद अभियान से 21.03 लाख किसानों को लाभ हुआ है और कुल 62,155.96 करोड़ रुपये का एमएसपी भुगतान किया गया है।
सचिव ने केंद्रीय भंडारण निगम और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के डिपो को स्मार्ट वेयरहाउस के रूप में ‘अपग्रेड’ करने के लिए उठाये गये कदमों के बारे में जानकारी दी।
डिपो दर्पण पोर्टल और मोबाइल एप्लिकेशन की परिकल्पना यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि खाद्य भंडारण डिपो, उच्चतम गुणवत्ता और प्रदर्शन मानकों को पूरा करें।
भाषा राजेश राजेश रमण
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