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शुक्रवार, 23 मई, 2025
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बहुत कम भारतीय उत्तराधिकारी पारिवारिक कारोबार को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी समझते हैं सर्वेक्षण

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मुंबई, 20 मई (भाषा) बहुत कम भारतीय उत्तराधिकारी पारिवारिक व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए खुद की जिम्मेदारी समझते हैं। मंगलवार को जारी हुए एक सर्वेक्षण में यह बात समाने आई।

गौरतलब है कि पारिवारिक व्यवसाय को आगे बढ़ाने के लिए उत्तराधिकारियों में अनिच्छा के बारे में व्यापक रूप से चिंता जताई जाती रही हैं।

कम से कम 20 लाख अमेरिकी डॉलर की निवेश योग्य संपत्ति वाले लगभग 200 व्यवसाय मालिकों के सर्वेक्षण में पाया गया कि लगभग हर पांच में चार भारतीय उद्यमी अब भी अपने कारोबार को परिवार के सदस्यों को सौंपने की योजना बना रहे हैं।

एचएसबीसी के सर्वेक्षण के निष्कर्षों में कहा गया है कि केवल सात प्रतिशत भारतीय उत्तराधिकारियों ने ही पारिवारिक व्यवसाय को संभालने के लिए खुद को बाध्य महसूस किया।

इससे पता चलता है कि वे पारिवारिक उद्यम के बाहर अवसरों की खोज के लिए तैयार हैं।

एचएसबीसी इंडिया के अंतरराष्ट्रीय संपत्ति और प्रीमियर बैंकिंग प्रमुख संदीप बत्रा ने कहा, ‘‘पारिवारिक व्यवसाय मूल्यों और संस्कृति को बनाए रखने के लिए अगली पीढ़ी पर भरोसा करते हैं, वहीं इसके लिए खुली बातचीत और मजबूत उत्तराधिकार योजना की भी जरूरत होती है।’’

इससे पहले अनुभवी बैंकर उदय कोटक ने पारिवारिक व्यवसायों में अगली पीढ़ी में उत्साह की कमी का उल्लेख करते हुए कहा था कि बहुत कम बच्चे व्यवसाय बनाने और चलाने के लिए उत्सुक हैं।

एचएसबीसी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 88 प्रतिशत भारतीय उद्यमी पारिवारिक संपत्ति का प्रबंधन करने के लिए अगली पीढ़ी की क्षमता पर भरोसा करते हैं।

इसमें यह भी पाया गया कि 45 प्रतिशत उद्यमियों को यह उम्मीद नहीं है कि उनके बच्चे पारिवारिक व्यवसाय संभालेंगे।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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