नयी दिल्ली, 11 अप्रैल (भाषा) भारत का वनस्पति तेल आयात मार्च महीने में 16 प्रतिशत घटकर 9.98 लाख टन रहा। कच्चे सूरजमुखी तेल आयात में भारी गिरावट के कारण वनस्पति तेल आयात घटा है। उद्योग के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
शुक्रवार को एक बयान में, सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) ने कहा कि वनस्पति तेलों (खाद्य और अखाद्य) का आयात पिछले साल मार्च में 11,82,152 टन से घटकर इस बार 9,98,344 टन रह गया।
मार्च 2025 में खाद्य तेल का आयात एक साल पहले की अवधि के 11,49,681 टन से घटकर 9,70,602 टन रह गया। कच्चे सूरजमुखी तेल का आयात पिछले महीने घटकर 1,90,645 टन रह गया, जो मार्च 2024 में 4,45,723 टन था।
इस दौरान गैर-खाद्य तेलों की आवक 32,471 टन से घटकर 27,742 टन रह गई।
नवंबर से शुरू होने वाले तेल विपणन वर्ष 2024-25 के पहले पांच महीनों के दौरान, कुल वनस्पति तेल का आयात पिछले वर्ष की इसी अवधि के 58,30,115 टन से मामूली रूप से घटकर 58,06,142 टन रह गया।
तेल वर्ष नवंबर से अगले वर्ष अक्टूबर माह तक चलता है।
एसईए ने कहा कि नवंबर 2024-मार्च 2025 के दौरान कुल खाद्य तेल आयात में से 6,62,890 टन रिफाइंड तेल (आरबीडी पामोलिन) का आयात किया गया, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में 8,86,607 टन आरबीडी पामोलिन का आयात किया गया था। समीक्षाधीन अवधि में कच्चे तेल का आयात 48,78,625 टन से बढ़कर 49,76,787 टन हो गया।
बयान में कहा गया है, ‘‘नवंबर 2024-मार्च 2025 के दौरान, पाम तेल का आयात नवंबर 2023-मार्च 2024 के 35,29,839 टन से तेजी से घटकर 24,15,556 टन रह गया, जबकि सॉफ्ट ऑयल का आयात पिछले साल की समान अवधि के 22,35,394 टन से बढ़कर 32,24,121 टन हो गया।’’
इंडोनेशिया और मलेशिया भारत को आरबीडी पामोलिन और कच्चे पाम तेल के प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं।
भाषा राजेश राजेश रमण
रमण
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.