नयी दिल्ली, 27 अप्रैल (भाषा) वेदांता समूह की कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (एचजेडएल) पोटाश खनन में उतरने की योजना बना रही है और राजस्थान में एक ब्लॉक पर नज़र गड़ाए हुए है, जिसमें लिथियम भंडार होने की भी अच्छी संभावना है। कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
भारत पोटाश के आयात पर बहुत अधिक निर्भर है और इसे कम करने के तरीकों की खोज कर रहा है। भारत का पोटाश आयात मुख्य रूप से रूस, कनाडा, बेलारूस और इज़राइल जैसे देशों से आता है।
कंपनी मूल धातुओं- जस्ता और सीसा और कीमती धातु चांदी के साथ-साथ सभी महत्वपूर्ण खनिजों से परे विस्तार करने की योजना बना रही है जो कंपनी के लिए रणनीतिक हित में हैं।
हिंदुस्तान जिंक को राजस्थान में दुगोचा गोल्ड ब्लॉक के लिए पसंदीदा बोलीदाता घोषित किया गया, जिसके परिणामस्वरूप कीमती धातुओं के अपने पोर्टफोलियो का विस्तार हुआ।
हिंदुस्तान जिंक के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अरुण मिश्रा ने पीटीआई-भाषा से कहा, “हम सभी महत्वपूर्ण खनिजों में विस्तार करेंगे, जो भी हमारे लिए रणनीतिक हित में है, जिसमें न केवल खनिज शामिल हैं, बल्कि पोटाश भी शामिल है… पोटाश राजस्थान में है… (वहां) लिथियम के साथ जुड़ने की भी संभावनाएं हैं (पोटाश ब्लॉक में)। इसलिए हम इस पर विचार करेंगे।”
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड को आंध्र प्रदेश में बालेपालयम टंगस्टन ब्लॉक आवंटित किया गया।
उन्होंने कहा कि कंपनी देश में होने वाले सभी खनिज ब्लॉकों की नीलामी में भाग लेने पर विचार कर रही है।
भाषा अनुराग पाण्डेय
पाण्डेय
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.