नयी दिल्ली, 18 फरवरी (भाषा) भारतीय कारोबारी समूह वेदांत ने इलेक्ट्रॉनिक चिप और डिस्प्ले विनिर्माण क्षेत्र में प्रवेश के लिए 15 अरब डॉलर का प्रावधान किया है और कंपनी की योजना निवेश को 20 अरब डॉलर तक बढ़ाने की है। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी।
सेमीकंडक्टर कारोबार की अगुवाई करने वाली वेदांत समूह की फर्म अवांस्ट्रेट को उम्मीद है कि 2025 तक भारतीय विनिर्माण संयंत्रों से इलेक्ट्रॉनिक चिप और डिस्प्ले तैयार होने लगेंगे।
अवांस्ट्रेट के प्रबंध निदेशक आकर्ष हेब्बर ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘सेमीकंडक्टर एक दीर्घकालिक व्यवसाय है। हमें उम्मीद है कि लगभग 10 अरब अमेरिकी डॉलर डिस्प्ले के लिए लगेंगे। इस समय हमें सेमीकंडक्टर के लिए सात अरब अमेरिकी डॉलर की जरूरत है, जिसमें आगे तीन अरब डॉलर बढ़ाया जा सकता है। पहले 10 साल में हम 15 अरब अमेरिकी डॉलर तक निवेश करेंगे। हम बाद के चरण में आगे के निवेश पर विचार करेंगे।’’
हेब्बर ने कहा, ‘देश में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का आयात करीब 100 अरब डॉलर का है, जिसमें से सेमीकंडक्टर्स की हिस्सेदारी 25 अरब डॉलर है।’
उन्होंने कहा कि कंपनी को 2024 तक डिस्प्ले इकाई और 28 नैनोमीटर श्रेणी में इलेक्ट्रॉनिक चिप्स की 2025 तक वाणिज्यिक आपूर्ति शुरू करने की उम्मीद है।
अवांस्ट्रेट ने सेमीकंडक्टर संयंत्र और डिस्प्ले विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए भी आवेदन किया है।
वेदांत ने भारत में सेमीकंडक्टर का विनिर्माण करने के लिए फॉक्सकॉन के साथ एक समझौता किया है, जिसके तहत एक संयुक्त उद्यम कंपनी बनाई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि देश में इलेक्ट्रॉनिक चिप और डिस्प्ले परिवेश को बढ़ावा देने के लिए सरकार के 10 अरब डॉलर (76,000 करोड़ रुपये) के कार्यक्रम की घोषणा के बाद वेदांत पहली कंपनी है जिसने सेमीकंडक्टर विनिर्माण में निवेश की घोषणा की है।
हेब्बर ने कहा, ‘‘सरकार अच्छी उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना लायी है। इसमें हमें परियोजना लागत का 45 से 50 प्रतिशत पहले ही दिया गया है। इससे कई लोग आकर्षित हुए हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने समझौता ज्ञापन से शुरू किया है। निश्चित समझौते पर हम काम कर रहे हैं। इस बारे में जल्द जानकारी दी जाएगी।’’
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