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Sunday, 3 November, 2024
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इस्पात विनिर्माण में कोक की जगह हाइड्रोजन के इस्तेमाल के तरीके खोज रही है वेदांता

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(सिमरन अरोड़ा)

पणजी, 10 अप्रैल (भाषा) वेदांता समूह की एक कंपनी ने कहा है कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने और हरित इस्पात को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए उसकी योजना इस्पात विनिर्माण की प्रक्रिया में कोक के स्थान पर हाइड्रोजन का इस्तेमाल करने की है।

वेदांता सेसा गोवा आयरन ओर बिजनेस ने कहा कि वह भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बंबई (आईआईटी-बंबई) के साथ करार करेगी ताकि कोक के बजाय हाइड्रोजन का इस्तेमाल करते हुए कच्चे लौह अयस्क (पिग आयरन ओर) के विनिर्माण के तरीके खोज सके और इसके लिए अनुसंधान कर सके। इसका उद्देश्य उत्पादन प्रक्रिया में कार्बन उत्सर्जन कम करना और हरित इस्पात के विनिर्माण में मदद देना है।

वेदांता सेसा गोवा आयरन ओर बिजनेस के उप-मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुजल शाह ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘हरित इस्पात की ओर कदम बढ़ाने का हमारा अपना दृष्टिकोण है। हमारे कोक ओवन जल्द हरित कोक में बदलेंगे जहां पर कोक निर्माण की पूरी प्रक्रिया हरित होगी।’’

इससे पहले वेदांता ने कहा था कि उसका लक्ष्य 2050 तक या इससे पहले ही शून्य कार्बन उत्सर्जन का है और उसने अगले दस साल में पांच अरब डॉलर का उपयोग करते हुए इस दिशा में तेजी से कदम बढ़ाने का संकल्प लिया था।

शाह ने कहा, ‘‘इस्पात उत्पादन में हाइड्रोजन के इस्तेमाल के बारे में अध्ययन करने के लिए हम आईआईटी-बंबई के साथ मिलकर काम करने के विकल्प पर भी विचार कर रहे हैं। यह अवधारणा अभी शुरुआती चरण में है, अभी इस विषय पर हमारे सामने कोई मिसाल नहीं है। इसलिए हम अकादमिक क्षेत्र के लोगों के साथ काम कर रहे हैं और ऐसा समाधान खोज रहे हैं ताकि इस्पात उत्पादन में हाइड्रोजन का इस्तेमाल किया जा सके जिससे अंतत: कार्बन उत्सर्जन कम होगा।’’

भाषा मानसी अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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