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बुधवार, 28 मई, 2025
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उत्तराखंड : मंत्रिमंडल ने ‘मेगा इंडस्ट्रीयल नीति’, योग नीति को मंजूरी दी

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देहरादून, 28 मई (भाषा) उत्तराखंड मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘मेगा इंडस्ट्रियल एवं इनवेस्टमेंट नीति-2025’ तथा देश की पहली योग नीति को मंजूरी देने सहित कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने यहां बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए उत्तराखंड ‘मेगा इंडस्ट्रियल एवं इनवेस्टमेंट नीति-2025’ (औद्योगिक एवं निवेश नीति) को स्वीकृति दे दी गयी।

उन्होंने बताया कि इस नीति का उद्देश्य उत्तराखंड को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूंजी निवेश को प्रतिस्पर्धी गंतव्य के रूप में स्थापित करना तथा वृहद श्रेणी के उद्योगों में पूंजी निवेश के लिये अनुकूल पारिस्थितिकीय तंत्र विकसित करते हुये राज्य का आर्थिक विकास एवं अतिरिक्त रोजगार अवसरों का सृजन करना है।

यह नीति जारी होने की तिथि से प्रभावी होकर आगामी पांच वर्षों तक लागू रहेगी और इस अवधि में एकल खिड़की पोर्टल पर आवेदन करते हुए नीति के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने का आशय व्यक्त करने वाली औद्योगिक इकाइयों को वृहद उद्यम निवेश श्रेणी के अनुरूप अनुमन्य वित्तीय प्रोत्साहन का लाभ देय होगा।

नीति के तहत भूमि को छोड़कर स्थायी पूंजी निवेश के आधार पर वृहद उद्यमों को चार श्रेणियों – लार्ज (50 करोड़ रुपये -200 करोड़ रुपये तक), अल्ट्रा लार्ज (200 करोड़ रुपये से अधिक से 500 करोड़ रुपये तक), मेगा (500 करोड़ से अधिक से 1000 करोड़ तक) तथा अल्ट्रा मेगा ( 1000 करोड़ रुपये से अधिक) के अंतर्गत वर्गीकृत करते हुये उनके लिये क्रमशः 50, 150, 300 तथा 500 न्यूनतम स्थायी रोजगार की सीमा निर्धारित की गयी है। उक्त निवेश के लिये आवेदन की तिथि से तीन से सात वर्ष की समय-सीमा निर्धारित की गयी है।

इस नीति के अंतर्गत स्थापित होने वाले उद्यमों के लिए भूमि क्रय या ‘लीज डीड’ के निष्पादन पर देय स्टाम्प शुल्क में 50 प्रतिशत (अधिकतम 50 लाख रुपये) की प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है।

नीति में लार्ज, अल्ट्रा लार्ज, मेगा, अल्ट्रा मेगा निवेश श्रेणी के वृहद उद्यमों को स्थायी पूंजी निवेश के सापेक्ष क्रमशः 10 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 15 प्रतिशत तथा 20 प्रतिशत के पूंजीगत सब्सिडी का प्रावधान किया गया है जो क्रमशः आठ, 10, 12 तथा 15 वर्षों में उद्यमों को वाणिज्यिक उत्पादन में आने के उपरान्त वार्षिक किस्तों में देय होगा।

इसके अलावा पर्वतीय क्षेत्रों में वृहद उद्यमों की स्थापना के प्रोत्साहन को एक से दो प्रतिशत की अतिरिक्त पूंजीगत सब्सिडी दी जाएगी।

राज्य मंत्रिमंडल ने उत्तराखंड योग नीति को भी मंजूरी दे दी। अधिकारियों ने बताया कि यह देश की प्रथम योग नीति है जो राज्य को योग और वेलनेस की वैश्विक राजधानी के रूप में स्थापित करेगी।

उन्होंने बताया कि इस नीति का सबसे बड़ा उद्देश्य योग को केवल एक आध्यात्मिक या व्यक्तिगत साधना तक सीमित न रखकर उसे एक सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक और पर्यटन-आधारित मॉडल के रूप में विकसित करना है।

इस नीति के तहत सरकार का उद्देश्य कई स्तर पर काम करना है जिसमें सबसे पहले योग पर्यटन को बढ़ावा देकर उत्तराखंड को अंतरराष्ट्रीय योग और आध्यात्मिकता के केंद्र के रूप में स्थापित किया जाएगा। साथ ही गुणवत्ता सुनिश्चित करने को योग संस्थानों के लिए नियम और दिशानिर्देश बनाए जाएंगे तथा जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से योग को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा और इसे स्कूलों तथा कॉलेजों के पाठ्यक्रमों में शामिल भी किया जाएगा।

योग नीति के तहत कुछ विशिष्ट लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं जैसे वर्ष 2030 तक उत्तराखंड में कम से कम पांच नए योग केंद्र स्थापित किए जाएंगे, मार्च 2026 तक राज्य के सभी आयुष हेल्थ और वेलनेस केंद्रों में योग सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी तथा समुदाय-आधारित कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।

एक अन्य फैसले में राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य में 10 करोड़ रुपये तक के कार्य राज्य के स्थानीय व्यक्तियों या स्थानीय पंजीकृत फर्मों के माध्यम से करने का निर्णय लिया है।

भाषा दीप्ति, रवि कांत

रवि कांत अजय

अजय

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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