नयी दिल्ली, 28 मार्च (भाषा) नीति आयोग के कार्यक्रम निदेशक पी साहू ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका की जवाबी शुल्क लगाने की योजना का भारत पर अधिक प्रभाव नहीं पड़ेगा, बल्कि इससे देश के लिए कई अवसर उत्पन्न हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि मेक्सिको, चीन और कनाडा जिनकी अमेरिका के कुल आयात में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है उनकी तुलना में भारत की स्थिति बेहतर है।
नीति आयोग के कार्यक्रम निदेशक ने कहा, ‘‘ हम आंकड़ों पर अलग-अलग स्तर पर गौर कर रहे हैं… ये प्रारंभिक परिणाम हैं लेकिन मैं आपको केवल यह बता सकता हूं कि हम नुकसान में नहीं रहेंगे। यह जवाबी शुल्क कुछ विशिष्ट क्षेत्रों को छोड़कर किसी को प्रभावित नहीं करेगा और वास्तव में इसमें लाभ उठाने के कई अवसर हैं।’’
साहू ने नीति आयोग की तिमाही व्यापार निगरानी के दूसरे संस्करण के पेश किए जाने के बाद यह बात कही।
उन्होंने कहा कि जवाबी शुल्क योजना के भारत पर प्रभाव का विस्तृत विश्लेषण रिपोर्ट के अगले संस्करण में पेश किया जाएगा।
अमेरिकी बाजार में तीन मुख्य प्रतिस्पर्धी देश कनाडा, मेक्सिको और चीन हैं। अमेरिका के 3,100 अरब डॉलर के कुल आयात में इनकी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इन देशों को 20-25 प्रतिशत शुल्क का सामना करना पड़ेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए, यदि हम अपनी स्थिति की तुलना करें….अमेरिकी बाजार में अपने प्रतिस्पर्धियों पर इन शुल्क के लागू होने के बाद की स्थिति की तुलना करें तो हम बहुत बेहतर स्थिति में हैं।
अमेरिका ने 12 मार्च से इस्पात और एल्युमीनियम उत्पादों पर 25 प्रतिशत आयात शुल्क लगा दिया है। उसने पूर्णतः निर्मित वाहनों (सीबीयू) और उसके कल-पुर्जों पर भी 25 प्रतिशत शुल्क लगाने की घोषणा की है, जो तीन अप्रैल से प्रभावी होगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत अमेरिका के प्रमुख व्यापारिक साझेदारों पर अप्रैल से जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा की है। उन्होंने कई मंचों पर कहा है कि अमेरिकी वस्तुओं पर भारत उच्च शुल्क लगाता है।
अमेरिका बढ़े हुए शुल्क चीन पर पहले ही लागू कर चुका है।
भाषा निहारिका रमण
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